रेसाई परियोजना पुर्नवास कालोनी में घटिया निर्माण का मामला:आंगनबाडी, स्कूल और अस्पताल की छत से टपक रहा पानी, प्लाटों की नहीं की लेबलिंग

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राजगढ और सीहोर के बीच में पार्वती नदी पर वृहद पार्वती बंधान रेसाई परियोजना बनकर तैयार है। बांध बनने से सीहोर विधानसभा के कई गांव प्रभावित हुए हैं और सैकड़ों किसानों की जमीन डूब क्षेत्र में आई हैं। ग्राम महुआखेडा, रावतखेडा, चांदबढ, गवां और दुगार्व के किसानों के जमीनें शासन ने अधिग्रहण की हैं। सबसे ज्यादा ग्राम महुआखेडा और रावतखेडा प्रभावित हो रहे हैं। डूब प्रभावित ग्रामीणों के विस्थापन और पुनर्वास के लिए गवां की पहाड़ी पर पुनर्वास कॉलोनी बनाई जा रही है। जिसमें घटिया निर्माण की शिकायत मिल रही हैं। ठेकेदार द्वारा यहां पर गुणवत्ताहीन और घटिया निर्माण कार्य किया जा रहा है। सामुदायिक भवन, आंगनबाडी, स्कूल और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवनों की छत जगह-जगह से टपक रही हैं तो दीवारों पर सीलन बनी है। वहीं कालोनी में बनाई जा रही नालियां भी अभी से भी टूट कर गिर चुकी हैं। ग्रामीणों ने घटिया निर्माण की शिकायत कलेक्टर प्रवीण सिंह अडाढच से की है। प्लाटों का लेबल नहीं, बढेगा खर्च गौरतलब है कि रेसाई परियोजना में विस्थापित हो रहे लोगों के पुर्नवास कालोनी गंवा की पहाडी पर बनाई जा रही है। विस्थापन से पहले यहां मूलभूल सुविधाएं उपलब्ध कराना हैं। सडक, बिजली, पानी, नालियां, सामुदायिक भवन, उप स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक और मीडिल विद्यालय, चौपाल-चबूतरे, आंगनबाडी भवन की सुविधाएं मुहैया करानी हैं। करीब 7 करोड की लागत से यहां कालोनी में कई निर्माण काम किए जा रहे हैं। हालांकि, ठेकेदार रावत बिल्डर्स पर गुणवत्ताहीन और घटिया निर्माण के आरोप ग्रामीणों ने लगाए हैं। कांग्रेस नेता देवी सिंह तंवर ने कलेक्टर को लिखित शिकायत देकर जांच की मांग उठाई है। महुआखेडा के ग्रामीण जोधाराम गुर्जर, नेमसिंह, प्रीतम तंवर ने बताया कि ग्रामीणों को जो प्लांट आवंटित किए जा रहे हैं। उनमें जमीन तैयार नहीं की गई। प्लाटों का बेस नहीं बनाया गया। जिससे निर्माण लागत कई गुना बढ़ जाएगी। बृजराम गुर्जर ने बताया कि एक तो मुआवजा भी कम मिला है। आवास का मुआवजा तो अभी तक मिला ही नहीं। चार साल में मंहगाई भी बढ गई। चूबतरे टूटने लगे कॉलोनी में करीब 466 प्लाट आवंटित किए जाएंगे। अभी वर्तमान में ग्राम गवां के 24 लोगों को प्लाट आवंटित किए जा चुके हैं। मकानों के बीच में चौपाल लगाने के लिए चबूतरे बनाए जाने हैं। करीब एक दर्जन चबूतरे बनने हैं। लेकिन शिकायत है कि जो चबूतरे बनाए जा रहे हैं उनकी सीमेंट उखाड़ने लगी है रेत, गिट्टी निकल रही है। ऐसे में ग्रामीणों में काफी नाराजगी है। शिकायत मिली थी, काम करवा रहे हैं जल संसाधन विभाग नरसिंहगढ के एसडीओ अनिल त्रिपाठी ग्रामीणों की शिकायत मिली थी। ठेकेदार से बोल दिया गया है। छत का निर्माण बारिश के समय हुआ था। इस वजह से लीकेज की समस्या आई थी। सुधार काम करवा दिया है। चबूतरे भी मरम्मत करवाए जाएंगे। प्लाट लेबलिंग को लेकर बड़े अधिकारियों से चर्चा की गई है। इसका बजट नहीं है मांग की गई है।