केंद्रीय जेल सतना में रक्षा बंधन का पर्व कड़ी सुरक्षा के बीच मनाया गया। सतना और आसपास के जिलों के बंदियों की कलाई सजाने बहनें दूर-दराज से सुबह से ही जेल पहुंचने लगी थीं। जेल प्रशासन ने राखी के त्योहार के मद्दे नजर व्यापक प्रबन्ध किए थे। केंद्रीय जेल सतना में अपने गुनाहों की सजा काट रहे बंदी भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांध कर उनकी सलामती की दुआ मांगने बहनें सतना, मैहर, रीवा, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़ से सुबह से ही यहां पहुंचने लगीं। जिले वार बंदियों और उनके परिजनों के लिए जेल में अलग-अलग काउंटर बनाए गए थे। अपने-अपने जिले के काउंटर में पहुंचकर दोपहर 12 बजे तक 685 बहनों ने भाई से मिलने और कलाई पर राखी बांधने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया। जेल में ही मिठाई का भी प्रबंध किया गया था। किसी को भी बाहर से मिठाई अथवा कोई अन्य सामग्री ले जाने की इजाजत नहीं थी। मोबाइल भी काउंटर पर जमा करा लिए गए। कई बंदियों के अन्य परिजन भी त्योहार पर खुशियां बांटने जेल पहुंचे। कड़ी सुरक्षा जांच के बाद जब बहनें अंदर पहुंची और बंदियों ने अपने सामने अपनों को देखा तो प्रेम में दोनों की आंखें छलक आईं। बहनों ने अपने भाइयों के माथे पर तिलक किया। उनकी आरती उतारी और फिर कलाई पर अपने प्रेम की डोर बांध कर मुंह मीठा कराया। सजल नेत्रों से बहनें अपलक भाई को देखती रहीं और भाई उन्हें ढांढस बंधाते रहे। कई बंदियों के बच्चे, भांजे और नाती-पोते भी त्योहार के मौके पर जेल पहुंचे थे। जिन्हें बंदियों ने गले से लगा कर सुकून का एहसास किया। इस दौरान जेल अधीक्षक लीना कोष्टा ने भी कई बहनों को ढांढस बंधाया। जेल अधीक्षक के साथ सहायक जेल अधीक्षक श्रीकांत त्रिपाठी, जेल उप अधीक्षक अभिमन्यु पांडेय समेत अन्य स्टाफ लगातार व्यवस्था में लगा रहा। देखिए फोटोज…