आज सावन का पांचवां और अंतिम सोमवार है। इसके साथ ही भाई बहन का पर्व रक्षा बंधन भी है। सावन के अंतिम सोमवार को सुबह से शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। जिले के प्रमुख मंदिरों में भक्त कांवड़ यात्रा और पैदल यात्रा के रूप में महादेव के दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं। मंदसौर के अष्टमुखी भगवान पशुपतिनाथ मंदिर में सुबह महादेव का दूध, दही, पंचामृत से विशेष अभिषेक किया गया। सुबह की आरती के बाद अष्टमुखी भगवान पशुपतिनाथ का चंदन, भांग, सूखे मेवे,बिल्वपत्र,फूलों से विशेष नयनाभिराम श्रृंगार किया गया। महादेव को आकर्षक पगड़ी पहनाई गई और भांग, व सूखे मेवे से अर्धनारीश्वर श्रृंगार किया। मंदसौर निवासी महिलाओं ने हाथों से बनाई रखी पहनाई और द्वार पर वंदनवार लगाए। सुबह 11 बजे बाबा पशुपतिनाथ शाही रथ में सवार होकर नगर भृमण पर निकले। सावन के अंतिम सोमवार पशुपतिनाथ मंदिर सहित तमाम शिवालयों में भक्तों की भीड़ रही। अष्टमुखी पशुपतिनाथ मंदिर में कतारबद्ध होकर भक्त महादेव के दर्शन कर किए। दर्शनों का यह सिलसिला देर रात तक जारी रहेगा। भगवान को 18 सालों से बांध रही राखी मन्दसौर निवासी अर्पणा जैन ने सूत के धागे से बनी 11 फीट लंबी रखी पहनाई गई। अर्पणा ने बताया कि वे पिछले 18 वर्षों से पशुपतिनाथ को राखी बांध रही है। इस बार उन्होंने पांच स्व छह दिन की मेहनत से रक्षा सूत्र के उपयोग में आने वाली मोली से राखी बनाई है। इसे बनाने में उनकी परिवार ने भी सहयोग किया।