राजधानी की केन्द्रीय जेल में हर साल की तरह इस साल भी बंदियों को उनकी बहनों ने राखी बांधी। सोमवार सुबह नौ बजे से जेल में रक्षा का पर्व मनाना शुरू कर दिया गया था। शाम पांच बजे तक बहनें केन्द्रीय जेल पहुंचकर अपने-अपने भाइयों को रखी बांध सकती हैं। जेल में बंद भाई उपहार के रूप में जेल में कमाई गई राशि को बहनों को दे रहे हैं। जेल अधीक्षक राकेश भांगरे का कहना है जेल में रक्षा बंधन का कार्यक्रम प्रशासनिक नियमों के अनुसार ही मनाया जा रहा है। रक्षाबंधन पर्व के अवसर पर बहनें जेल में बंद भाइयों से रूबरू हुई और राखी बांधी। बदले में रक्षा का वचन लेकर भाई से उपहार भी हासिल किये। जेल परिसर में बाकायदा पंडाल लगाया गया। जेल कैंन्टीन से खरीदा सामान जेल प्रशासन ने त्योहार को देखते हुए जेल की कैंटीन में बिक्री के लिए मिष्ठान की व्यवस्था की है। बहनें कैंटीन में जाकर लिफाफे में राखी, हल्दी, कुंकुम रखकर मिठाई के साथ जेल में बंद अपने भाई के पास पहुंचकर रक्षा सूत्र बांध रही हैं। राखी बंधवाने के बाद भाई भी जेल में कमाई रकम से उपहार अपनी बहना को दे रहे हैं। बाहरी सामान पर प्रतिबंध जेल नियमों के अंतर्गत ही राखी का पर्व सादगी से मनाया जा रहा है। त्योहार को देखते हुए कैंटीन में मिष्ठान उपलब्ध कराया गया है। क्योंकि जेल में किसी भी तरह के बाहरी सामान को ले जाने की इजाजत नहीं है। जेल प्रशासन ने यह जारी किए थे आदेश