रक्षा बंधन के शुभ अवसर पर बड़वानी केंद्रीय जेल में बंद कैदियों को बहनें राखी बांधने जेल पहुंची। उनके जल्द रिहा होने की प्रार्थना भी की। रक्षा बंधन पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर जेल में बंद बंदियों को बड़ी संख्या में उनकी बहनों ने राखी बांधी। केन्द्रीय जेल के अधीक्षक शेफाली तिवारी ने बताया कि रक्षाबंधन त्योहार के मद्दे नजर केन्द्रीय जेल में भी विशेष व्यवस्था की गई थी। इसके तहत ऐसे बंदी जिनकी बहनें राखी बांधने के लिए जेल पहुंची थी, उन्हें अनुमति देकर विशेष सुविधा उपलब्ध कराई गई थी। जिससे वे अपने भाइयों की कलाईयों पर राखी बांध सकें। इस दौरान कई बार भावुक कर देने वाले क्षण भी आए, जब भाई को कैद में देखकर बहनों की आंखों में आंसू आ गए। बहनों का प्यार देखकर जेल में बंद कई कैदियों ने उनसे आगे से कोई अपराध नहीं करने का वादा किया। इंदौर से आई मधु ने बांधी राखी
इंदौर से आई मधु ने भी अपने भाई को राखी बांधी। मधु ने कहा कि हमें तो इंतजार रहता है कि कब रक्षा बंधन आए और हम अपने भाई से मुलाकात करें। मेरा भाई पिछले 9 साल से एक गंभीर केस के चलते जेल में बंद है। उस पर कई धाराएं लगी हैं, लेकिन अगर मेरा भाई छूट जाए तो मेरे लिए इससे बड़ी खुशी नहीं होगी। हम चाहते हैं कि हमारा भाई जल्दी से जल्दी छूट जाए और हम उन्हें घर ले जाकर राखी बांधें। कैदियों की बहनों के लिए की गईं व्यवस्थाएं
बड़वानी केंद्रीय जेल अधीक्षक ने शेफाली तिवारी बताया कि जेल प्रशासन की ओर से राखी के पर्व पर जेल में बंद कैदियों की बहनों के लिए पूरी व्यवस्थाएं की गई हैं ताकि कैदियों की बहनें उन्हें राखी बांध सकें। कैदियों के परिवार से आने वाली मां एवं बहनों के लिए राखी में लगने वाली सामग्री भी जेल प्रशासन ने उपलब्ध कराई है। उन्होंने बताया कि अभी तक लगभग 400 बहनों ने अपने भाइयों को राखी बांधी है। राखी के कार्यक्रम में जो बहनें आती हैं इसके लिए पहले उन्हें अपना नाम लिखवाना पड़ता है। फिर उन्हें किस से मिलना है, उनका नाम लिखवाना पड़ता है। तमाम जानकारियां दर्ज कराने के बाद फिर एक-एक को ले जाकर राखी बंधवाई जाती है। देखिए फोटोज…