नर्मदापुरम के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में अब पर्यटक सौर वोट से सफारी का आनंद ले रहे सकेंगे। 1अक्टूबर से पर्यटकों के लिए सौर वोट की सुविधा शुरू होगी। पर्यटक बिना आवाज नाइस फ्री वोट के जरिए सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में तवा जलाशय के पास स्थित आर्द्र भूमि पर होने वाले पक्षी एवं जानवरों को आसानी से देख सकेंगे। मप्र के सभी टाइगर रिजर्व की पहली सौर ऊर्जा चलित नाव है। जो STR में आई है। पर्यावरण अनुकूल वातावरण को संतुलित बनाने और ध्वनि रहित इस वोट के जरिए बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए यह नाव सफारी एक अनुभव होगा। साथ ही पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के लिए अब पार्क प्रबंधन मढ़ई में सौर ऊर्जा से चलने वाली नाव को चालू कर रहा है। यह पहली सौर नाव है जिसे मध्य प्रदेश में वन्यजीव सफारी या नौकायन के लिए उपयोग में लाया जाएगा। इस नाव के जरिए 12 सवारियों को एक साथ बैठाने के लिए होगी। नाव सौर ऊर्जा से चलेगी और पावर चार्जिंग द्वारा भी इसे चार्ज किया जाएगा। इतना ही नहीं सतपुड़ा बोट सफारी के लिए लोकप्रिय स्थान भी यह बनता जा रहा है और यह शोर रहित नाव मेहमानों को पक्षी विहार और वन्य जीवन देखने का नया अनुभव देगी। प्रबंधन के अनुसार इससे भविष्य में मप्र में सतपुड़ा और अन्य टाइगर रिजर्व में बोट सफारी के नए आयाम स्थापित होंगे। यह परियोजना एमपी इकोटूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड, भोपाल द्वारा समर्थित है। सक्रिय वन्यजीव प्रबंधन प्रथाओं में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में अपनाया गया एक नई पहल है। 5दिन पहले रामसर साइड का तवा जलाशय को मिला टैग तवा जलाशय का अधिकांश हिस्सा सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में आता है। 4दिन पहले ही तवा जलाशय को रामसर साइट में शामिल किया गया है। जो एक आर्द्रभूमि साइट है जिसे रामसर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्व के लिए नामित किया गया है। आर्द्रभूमियों की पहचान के मानदंडों को पूरा करने वाले अद्वितीय सांस्कृतिक, वैज्ञानिक और मनोरंजक मूल्यों को यह मान्यता दी जाती है। पार्क ने 2 साल पहले इस प्रतिष्ठित पदनाम के लिए दस्तावेज़ जमा किए थे। संबंधित निकाय द्वारा उचित परिश्रम के बाद, यह सम्मान तवा जलाशय को दिया गया है,जो राज्य में 5वीं ऐसी साइट बन गई है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर एल कृष्णमूर्ति ने बताया कि यह सोलर वोट मध्यप्रदेश में पहली वोट है। जिसे एसटीआर में लाया गया है। इसमें 12 सवारियां एक साथ बैठ सकती हैं। मढ़ई में खड़ा किया गया है। एक अक्टूबर से इसकी सुविधा पर्यटकों को मिलेगी। नॉइस फ्री होने के चलते पर्यटक नदी के रास्ते वन्य प्राणी एवं पक्षियों को नजदीक से देख सकते हैं। उन्होंने बताया डीजल वोट होने के कारण उसमें आवाज़ अधिक आती है। इस कारण से पर्यटक नदी के रास्ते पर्यटन का लुत्फ नहीं उठा पाते थे।