रक्षा बंधन सोमवार को मनाया जाएगा। इस बार रक्षाबंधन पर्व पर सर्वार्थसिद्धि व रवियोग है। जो देवपूजन व भाई-बहन और परिवारजन में आपसी प्रेम स्नेह के लिए अत्यंत शुभप्रद रहेगा। रक्षाबंधन पर्व पर प्रातः से भद्रा का साया रहेगा जो दिन में 1.30 बजे तक रहेगा। भद्रा समाप्ति के बाद रक्षा बंधन मनाया जाएगा। शुक्ल-कृष्ण यजुर्वेदियों व अथर्ववेदियों का उपाकर्म श्रावण पूर्णिमा तिथि मुख्य काल है। इन सभी का उपाकर्म श्रावणीकर्म रक्षाबंधन पर 19 अगस्त को नियमानुसार होगा। पंडित संजय शिवशंकर दवे के अनुसार रक्षाबंधन पर्व पर सर्वप्रथम देव पूजन और देवता को राखी अर्पण की जाती है। उसके पश्चात गुरुदेव के समक्ष जाकर शुभ आशीष प्राप्त कर गुरुदेव से रक्षा सूत्र बनवाया जाता है। जिन्होंने गुरु मंत्र प्राप्त नहीं किया है, गुरु नहीं बनाया वो ब्राह्मणदेव से अपनी कलाई पर रक्षा सूत्र अवश्य बंधवाए। दोपहर भद्रा समाप्ति के बाद 1.30 बजे से लगातार 6 घंटे तक लगातार राखी बंधवाने का शुभ मुहूर्त है। यह है शुभ मुहूर्त राखी बांधने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1.30 से 3 तक चल, दोपहर 3 से शाम 4.30 तक लाभ, शाम 4.30 से 6 बजे तक अमृत व शाम 6 से रात 7.30 बजे तक चल का है। इस समय में बहने अपने भाई की कलाई पर राखी बांध सकेगी। आसमान में उड़ेगी पतंग, चायना डोर पर लगाया प्रतिबंध रतलाम में रक्षा बंधन पर पतंग भी उड़ाई जाती है। पतंग खरीदने वालों की भी दुकानों पर भीड़ रही। इधर रतलाम जिले की सीमा में चाइना एवं नायलॉन डोर (मांझा) का विक्रय तथा उपयोग पर प्रतिबंधित लगा दिया है। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी राजेश बाथम ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए रतलाम जिले की सीमा क्षेत्र में पूर्ण रूप से दुर्घटना से बचाव, आमजन की जान माल की सुरक्षा तथा पक्षियों की सुरक्षा के लिए उपरोक्त आदेश जारी किया है। आदेश के उल्लंघन पर व्यक्ति भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत दंडनीय अपराध का दोषी होकर उसे विधि के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी।