श्रावण, भादौ में निकाली जाने वाली महाकालेश्वर की सवारियों के क्रम में पांचवीं और श्रावण की आखिरी सवारी 19 अगस्त रक्षाबंधन पर निकाली जाएगी। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेशकुमार धाकड़ ने बताया पांचवीं सवारी में पालकी में चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरुड़ रथ पर शिवतांडव, नंदी रथ पर उमा-महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद शामिल रहेगा। सवारी पूरे प्रोटोकाल और धूमधाम से निकाली जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी सवारी में शामिल होंगे। साथ ही सीआरपीएफ और सेना का बैंड भी शिव स्तुति करता दिखाई देगा। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी सोमवार को भगवान महाकालेश्वर के दर्शन करने आ रहे हैं। करमा/सैला नृत्य दल करेगा शिव स्तुति
पांचवीं सवारी में जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद के माध्यम से गौंड जनजातीय करमा/ सैला नृत्य दल प्रतापसिंह धुर्वे के नेतृत्व में पालकी के आगे भजन मंडलियों के साथ अपनी प्रस्तुति देते हुए शामिल होगा। आदिवासी गौंड जनजाति का सैला करमा नृत्य कर्म की प्रेरणा देने वाला नृत्य है। दल के प्रमुख धुर्वे के अनुसार आदिवासी गौंड जनजाति का सैला करमा नृत्य कर्म की प्रेरणा देने वाला नृत्य है। ग्रामवासियों में श्रम का महत्व है। श्रम को ही कर्म देवता के रूप में मानते हैं। पूर्वी मध्यप्रदेश में कर्म पूजा का उत्सव मनाया जाता है। उसमें करमा नृत्य किया जाता है। नृत्य में युवक-युवतियां दोनों भाग लेते हैं। उनके बीच गीत रचना होड़ लग जाती है। मध्यप्रदेश में सैला करमा नृत्य गीत का क्षेत्र बहुत विस्तृत है। इस नृत्य में मादर, टिमकी, बांसुरी, मजीरा, चटकोला बजाया जाता है। पुरुष हाथों मे सवा हाथ का डंडा, मोरपंख रखकर नृत्य करते हैं। सुदूर छत्तीसगढ़ से मंडल के गौंड और बैगा जनजातियों तक इसका विस्तार मिलता है। इस मार्ग से निकलेगी महाकाल की सवारी
सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाड़ी से होती हुई शिप्रा तट पहुंचेगी। जहां शिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी। सभा मंडप में पूजन, द्वार पर गार्ड ऑफ ऑनर
सवारी निकलने के पहले महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडपम् में भगवान चंद्रमौलेश्वर का पूजन-अर्चन किया जाएगा। उसके बाद चंद्रमौलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी जाएगी।