‘जांच के बजाए CM का इस्तीफा मांगना चलन बन जाएगा’:टीएस सिंहदेव बोले- डॉक्टरों को सुरक्षा देने वाले कानून पर कांग्रेस सरकार में भी नहीं हो पाया काम

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कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या की घटना पर छत्तीसगढ़ के पूर्व उप मुख्मयंत्री सीएम और कांग्रेस नेता टीएस सिंहदेव ने कहा, ‘हम लोग हर घटना में राजनीति करते हैं, ये दुर्भाग्यजनक है। ये सिलसिला चल पड़ा तो देश में कहीं भी घटना होगी और हम तय कर लें कि जांच बाद में हो, मुख्यमंत्री का इस्तीफा पहले होना चाहिए, ये चलन बन जाएगा।’ भोपाल पहुंचे टीएस सिंहदेव ने कहा, ‘ऐसी घृणित घटनाओं के बाद स्वाभाविक होता है कि जनभावनाएं उद्वेलित रहती हैं। पीड़ित को न्याय दिलाना और पीड़ित परिवार की देखभाल करना, ये पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। दुर्भाग्य से हम लोग लगभग हर घटना में राजनीति करने से परहेज नहीं करते। ये दुर्भाग्यजनक है। ऐसी घटनाएं उज्जैन, अयोध्या और न जाने कहां-कहां हुईं।’ मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगना चलन बन जाएगा
सिंहदेव ने कहा, ‘यह सिलसिला चल पडे़गा। हम सब ये तय करते हैं कि देश में अगर कहीं इस प्रकार की घटना होती है तो वहां के मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना है। पूरे देश में हम तय कर लें और किसी भी प्रांत में इस प्रकार की घटना हो पहला काम हो जांच बाद में हो लेकिन पहले मुख्यमंत्री का इस्तीफा हो। तो फिर वो एक प्रचलन में बात आ जाती है।’ उन्होंने कहा, ‘इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम देने वाली विकृत मानसिकताओं को भांप पाना बहुत कठिन होता है। ऐसी घटना पूरी तरह से रुक जाए प्रदेश में, समाज में, दुनिया में ये बहुत कठिन होता है। जब भावना उद्वेलित होती है तो हमको लगता है कि कुछ भी कर डालो। मुख्यमंत्री हों या संबंधित विभाग के मंत्री हों या अधिकारी हों, जिनकी सीधी जवाबदारी बनती है। अगर इस घटना के बाद यदि व जांच की प्रक्रियाओं में कहीं कोई शिथिलता बरतते हैं तो वह अत्यंत आपत्तिजनक है। तो उसमें किसी दल और क्षेत्र की बात नहीं होना चाहिए। अगर उसमें कहीं कमी आ रही है तो ऐसे लोग को जनप्रतिनिधि के रूप में जवाबदारी लेने का अधिकार नहीं रह जाता।’ वकीलों, पत्रकारों, डॉक्टरों को सुरक्षा देने वाले कानून पर कांग्रेस सरकार में भी काम नहीं हुआ
केन्द्र और राज्य सरकारों को लेना चाहिए। मुझे भी छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य मंत्री के रूप में 5 साल जवाबदारी संभालने का मौका मिला था। हम लोगों ने चुनाव के पहले कांग्रेस घोषणापत्र में यह रखा था कि वकीलों, पत्रकारों और डॉक्टरों के लिए एक पृथक कानून बनाया जाएगा जो उनके रक्षा के लिए काम करते समय जो अप्रिय घटनाएं होती हैं। उससे उनको सुरक्षा मिल सके। पर कुछ हुआ कुछ काम नहीं हुआ कांग्रेस की भी सरकार में। लेकिन ये होना चाहिए।