सतना जिले के रैगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम इटमा में डायरिया के प्रकोप ने जानलेवा रूप ले लिया है। यहां इस संक्रमण से 2 आदिवासियों की मौत हो गई है। जबकि कई अन्य बीमार हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव पहुंच कर सर्वे, जांच और इलाज शुरू कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, रैगांव विधानसभा अंतर्गत ग्राम इटमा में बारिश के इस दौर में दूषित जल से होने वाली संक्रामक बीमारी डायरिया ने पैर पसार लिए हैं। उल्टी दस्त के कारण छोटा इटमा की आदिवासी बस्ती में रहने वाले बैरिहा कोल (48) और झल्ला कोल पिता जीवन कोल (42) की मौत हो गई है। इसके अलावा छोटा और बड़ा इटमा में रहने वाले कई लोग उल्टी-दस्त से पीड़ित हैं। जिनमें से 8 लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जबकि 1 का इलाज उचेहरा के सरकारी अस्पताल में और 2 मरीजों का इलाज सतना के निजी नर्सिंग होम में चल रहा है। संक्रमण का शिकार होने वालों में दुर्घटिया कोल (93), ओम कोल (12),कुंवर प्रजापति (12),बादल कोल (18), पप्पी विश्वकर्मा (35),सुशीला कोल (25),धर्मेंद्र कोल (16),ददोला कोल (75),मान्या कोल (4), जीना कोल (19) तथा सीता गुप्ता (34) शामिल हैं। इटमा में डायरिया फैलने की जानकारी मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम इटमा पहुंची है। छोटा और बड़ा इटमा में स्वास्थ्य कर्मी सर्वे और मरीजों की जांच कर रहे हैं और उन्हें दवाएं उपलब्ध करा रहे हैं। CMHO डॉ. एलके तिवारी के अनुसार, उल्टी दस्त के 9 मरीज छोटा और बड़ा इटमा में पाए गए हैं। जिसमें से तीन लोगों को जिला अस्पताल में भेज कर इलाज कराया जा रहा है। बचे लोगों को घर पर दवाई दी जा रही है। ग्राम में मेडिकल ऑफिसर और स्वास्थ्य कार्यकर्ता की ड्यूटी लगाकर सर्वे, जांच और उपचार कराया जा रहा है। BMO लगातार भ्रमण कर रहे हैं। हर 2 घंटे में गांव की स्थिति का अपडेट लिया जा रहा है। पानी का सैंपल भी लिया गया है और घर-घर सर्वे कर क्लोरीन की टैबलेट और दवाइयां वितरित कराई जा रही हैं। साथ ही 108 एंबुलेंस भी गांव के लिए लगाई गई है।