गर्मी के लिए विख्यात इस जिले में वर्षा काल के ढाई माह बाद भी मौसम की तपन से राहत नहीं मिल पा रही है। हालांकि इस वर्ष जिले में पिछले वर्ष की तुलना में पांच इंच अधिक वर्षा दर्ज हो चुकी है। बावजूद थोड़ी सी वर्षा की खेंच के बीच बीते पांच दिनों में दिन के तापमान में करीब पांच डिग्री का उछाल आया है। रविवार सुबह भी तेज धूप से उमस-गर्मी महसूस हुई। भू अभिलेख कार्यालय के अनुसार जिले में 24 घंटे के दौरान औसत वर्षा मात्र 0.2 मिमी दर्ज की गई। इस दौरान पाटी में 10.2, बड़वानी में 9 और राजपुर में मात्र 1 मिमी पानी बरसा। वहीं शेष 7 स्थानों पर आंकड़ा शून्य रहा। इस वर्ष अब तक जिले में औसत वर्षा का आंकड़ा 19.4 इंच यानी 492.2 मिमी पहुंच गया है। जबकि गत वर्ष इस दौरान 14.4 इंच यानी 364.7 मिमी पानी बरसा था। शुक्रवार शाम कुछ देर झमाझम के बाद बारिश का दौर थमा। वहीं शनिवार ओर रविवार सुबह से तेज धूप खिलने से सड़कों का कीचड़ सूखा। वातावरण में उमस-गर्मी बनी रहने से जनजीवन जूझता नजर आया। वहीं लगातार तीसरे दिन का तापमान 34 डिग्री से ऊपर दर्ज किया गया। कृषि विज्ञान केंद्र के अनुसार रविवार को अधिकतम तापमान 34.5 और न्यूनतम तापमान 25.8 डिग्री रहेंगा। जबकि बीते सप्ताह के पूर्व तक दिन का तापमान 29 डिग्री तक लुढ़का था। बेकवाटर पर लगा ब्रेक, दो दिन लेवल हुआ स्थिर
शहर के समीप नर्मदा नदी के बेकवाटर में कुछ कमी आई है। सरदार सरोवर बांध के गेट खोलने और ऊपरी बांधों के अधिकांश गेट बंद करने से नर्मदा के सतत बढ़ रहे बेकवाटर के लेवल पर ब्रेक लगा है। एनवीडीए के अनुसार रविवार सुबह राजघाट में बेकवाटर का लेवल 134.70 मीटर रहा। फिलहाल सरदार सरोवर बांध के 5 गेट से 83 हजार 680 क्यूमेक छोड़ा जा रहा। वहीं ओंकारेश्वर बांध के 8 टरबाइन व 1 गेट से 2012 क्यूमेक जलप्रवाह जारी है। राजघाट में बेकवाटर का उच्च लेवल 138.60 मीटर है। पिछले दिनों बेकवाटर का लेवल 135.50 मीटर से ऊपर पहुंचा था। अभी राजघाट गांव डूबा हुआ है।