इंदौर के गांधीनगर इलाके में एक घर में तीन कोबरा सांप निकले। तीनों सांप वॉशरूम के कमोड में थे। दो का रेस्क्यू हो चुका है, लेकिन तीसरे का अभी तक कुछ पता नहीं है। 17 अगस्त शनिवार को परिवार ने घर में पूजा-पाठ कराने के साथ ही चेंबर का काम कराया है। गांधीनगर अरिहंत नगर एक्सटेंशन में महेश क्षत्रिय, पत्नी कुसुम और 8 महीने की बेटी के साथ रहते हैं। 12 अगस्त की रात करीब 10.30 बजे कुसुम वॉश रूम गई, यहां कमोड से सांप को लिपटा देख चौंक गई। तुरंत पति महेश को बताया। महेश ने स्नेक कैचर को कॉल किया। रात में ही सांप का रेस्क्यू कर लिया गया। सांप करीब 5 फीट लंबा था। महेश समझ गए थे कि सांप कमोड में से ही आया है, इसलिए उन्होंने ढक्कन बंद कर उस पर वजन रख दिया। अगले दो दिन तक वॉशरूम को सिर्फ नहाने के लिए उपयोग किया। तीन दिन बाद दो कोबरा और निकले महेश ने 15 अगस्त की सुबह कमोड का ढक्कन हटाया तो वहां फिर से दो कोबरा देख वह सिहर उठे। ढक्कन बंद किया और उसी सांप पकड़ने वाले तो दोबारा बुलाया। इस बीच दोनों कोबरा कमोड के अंदर चले गए। स्नेक कैचर वॉशरूम में जिंदा मछली रखने के लिए कहा। ताकि कोबरा बाहर आ सके। महेश ने मछली लाकर वॉशरूम के टब में छोड़ दी और निगरानी करने लगे। दोपहर में एक कोबरा बाहर आया। महेश ने उसका वीडियो बना लिया और डंडे से कमोड का ढक्कन लगा दिया। जब स्नेक कैचर को कॉल किया तो वह आनाकानी करने लगा। इस बीच दूसरा सांप कमोड से बाहर आने की कोशिश करने लगा, लेकिन नहीं आ पाया। जो सांप बाहर था, वह भी अंदर चला गया। इसके बाद महेश ने दूसरे स्नेक कैचर महेंद्र श्रीवास्तव को बुलाया, लेकिन दोनों कोबरा बाहर नहीं निकले। 16 अगस्त को महेश परिवार के साथ कई घंटे घर से बाहर बैठे रहे। इस बीच फिर एक कोबरा कमोड के बाहर आया। महेश ने तुरंत डंडे से ढक्कन बंद कर दिया। सूचना पर स्नेक कैचर महेंद्र पहुंचे और सांप को रेस्क्यू कर लिया। दूसरे कोबरा को पकड़ने के लिए आधे घंटे तक कमोड में पानी डाला, लेकिन वो बाहर नहीं आया। उसका अभी तक कुछ पता नहीं चला है। रात को बार-बार दरवाजा देखती रही पत्नी महेश की पत्नी कुसुम ने बताया कि पहली बार उन्होंने इतने बड़े सांप देखे। 8 माह की बेटी साथ है, इसलिए हर समय डर लगा रहता है। तीन रात तक सो नहीं पाई। रात में बार-बार दरवाजे को देखती कि कहीं सांप कमरे में न आ जाए। हालांकि छुट्टी के चलते पति दिनभर घर में ही थे, इसलिए हिम्मत बंधी रही। लोगों ने बोला एसिड डाल दो, लेकिन दिल नहीं माना महेश ने बताया कि जब सांप का पता चला तो कई लोगों ने कहा कि गर्म पानी डाल दो, एसिड डाल दो। मगर हम सांपों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते थे। इसलिए हमने इंतजार किया और उन्हें सुरक्षित पकड़वाकर छुड़वा दिया। जिस मछली को लेकर आए थे, उसे भी चौकीदार को देकर तालाब में छोड़ने का कहा। सांपों के यहां से आने की है संभावना महेश ने बताया कि उनके घर के आसपास खेत है। तीन साल पहले ही यहां रहने आए हैं। लेकिन ये पहली बार है जब घर में सांप निकले हैं। संभवत: खेत से ही सांप चेंबर के रास्ते कमोड तक पहुंचे होंगे। उनके यहां ओवरफ्लो की लाइन और टैंक बना हुआ है। इसके बाद लाइन चेंबर में जुड़ी है। इधर, स्नेक रेस्क्यू करने वाले महेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि ओवरफ्लो के लिए जो चेंबर बनाया गया है, उससे संभावना है कि सांप वहां से कमोड तक पहुंचे होंगे। फिलहाल दो सांपों का रेस्क्यू हो चुका है, तीसरे सांप का पता नहीं चल पाया है।