मंदसौर| दशपुर प्राच्य शोध संस्थान के निदेशक डॉ. कैलाशचंद्र पांडेय ने ‘गरुड़ झेप’ के नवीन मार्ग की शोधपरक खोज को लेकर औरंगजेब के कैदखाने से शिवाजी के मुक्ति प्रसंग का शोध पत्र पढ़ा। उन्होंने आगरा में राजा शिव छत्रपति स्मारक 357वीं वर्षगांठ के आयोजन में बताया कि मुगल बादशाह औरंगजेब की सख्त कैद से शिवाजी के चतुराई पूर्वक बाहर निकलने प्रक्रिया को इतिहास में रोमांचकारी माना गया है। आगरा स्थित कारागृह से शिवाजी महाराज की बड़ी चतुराई और बुद्धिमता और तीव्रता से पूर्ण मुक्ति को गरुड़ झेप कहा जाता है। उन्होंने बताया कि औरंगजेब की सुरक्षा व्यवस्था को धता बताकर जेल से निकलकर शिवाजी मात्र 25 दिनों में वापस राजगढ़ पहुंच गए थे। उनके आगरा से राजगढ़ जाने के मार्ग को लेकर मंदसौर के इतिहासकार व पुरातत्वविद पांडेय ने उक्त शोध किया, जिसका वाचन इस मौके पर किया गया।