इंदौर के बाणगंगा थाना क्षेत्र के भवरासला में पिछले दिनों अतिक्रमण एवं अवैध कब्जा हटाने गये अवैध कब्जे को हटाने गए तहसीलदार और पटवारी पर फायरिंग करने वाले चार आरोपियों के खिलाफ कलेक्टर आशीषसिंह ने रासुका की कार्रवाई की है। जिन आरोपियों को रासुका में निरूद्ध किया गया है उनके नाम सुरेश पिता रतन सिंह पटेल, जयदीप उर्फ भूरा पिजा जय रायण, प्रदीप पिता जय नारायण उर्फ बेडलाल मिश्रा और जय कुमार पिता राजेन्द्र शर्मा शामिल हैं। घटना 14 अगस्त की है। तहसीलदार शैवाल सिंह, नायब तहसीलदार जितेन्द्र वर्मा, पटवारी मयंक चतुर और प्रदीप सिंह चौहा सांवेर रोड, बाणगंगा में अवैध कब्जे हटाने गए थे। इस दौरान अवैध कब्जेधारी सुरेश पिता रतन सिंह पटेल और उनके सुरक्षा गार्डों ने हमला किया था और शासकीय काम में बाधा पहुंचाई थी। इनके विरूद्ध बाणगंगा थाने में केस दर्ज कराया गया। सभी अरोपियों द्वारा लोगों को डराने, धमकाने, जमीन खाली करने की धमकी देने आदि की सूचनाएं भी लगातार मिल रही थी। क्षेत्र में इनका भय व्याप्त था। हम किसान हैं, हमें भूमाफिया बता दिया मामले में पटेल परिवार का कहना है कि हम पर गलत आरोप लगाए गए हैं। दो गार्ड सुरक्षा के लिए घर पर बैठते हैं। घटना के दौरान मौके पर कोई सरकारी अधिकारी मौजूद नहीं था। तब अरबिंदो अस्पताल का स्टाफ मौजूद था। मौके पर जब उनसे कागजात मांगे गए और रोका गया तो उनके पास आदेश नहीं था। उन्होंने विवाद करते हुए फायर करना शुरू कर दिया। हमारे गार्ड ने बचाव में दो फायर किए। अरबिंदो के स्टाफ की ओर से 35-40 फायर किए गए। वीडियो उन्होंने ही बनाया है। सुरेश पटेल घर पर थे न कि मौके पर। यह मामला 25 सालों से कोर्ट में चल रहा है और फैसला नहीं आया है। हमारी ओर से एफआईआर दर्ज नहीं की। उन्होंने सामने से फायर किए जबकि हमने बचाव में हवाई फायर किए। हमारी सुनवाई नहीं हो रही है। 7 एकड़ जमीन का विवाद है। उन्होंने कहा कि डॉ. विनोद भंडारी के गनमैन शेखावत ने फायर किए। हम किसान हैं हमें भूमाफिया बताया जा रहा है। उन्हें शासन-प्रशासन का सपोर्ट है। प्रशासन की टीम 3.30 घंटे बाद आई थी। उधर, डॉ. विनोद भंडारी का कहना है कि सारे आरोप गलत हैं। मैंने 2013 में यह जमीन तोलाराम और जगन्नाथ से खरीदी थी। जो मुझ पर इल्लाम लगा रहे हैं वो लोग अलग हैं। इस जमीन की तहसीलदार ने नपती की और एसडीएम, हाई कोर्ट और ईडी में भी इसकी पुष्टि हुई है। हमने कोई फायरिंग वहां नहीं की। वहां पुलिस, तहसीलदार, पटवारी, एसडीएम थे। कलेक्टर आशीष सिंह का कहना है कि ईडी की अटैच प्रापर्टी है। उस पर कोर्ट का जो आदेश था उस आधार पर टीम गई थी। तहसीलदार की टीम मौके पर थी। उनको वहां दूर से गोली चलने की आवाज आई थी। वहां गोलीबारी हुई थी। ऐसी घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएगी।