इंदौर में तीन दिवसीय “भावनायोग” शिविर का दूसरा दिन:श्रद्धापूर्वक नियमित भावनायोग करने से बढ़ती है संकल्प शक्ति और आत्मविश्वास- मुनि प्रमाण सागर जी महाराज

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आधुनिक मनोविज्ञान के अनुसार जैसा हम सोचते है वैसे संस्कार हमारे अवचेतन मन पर पड़ जाते हैं तथा वही संस्कार प्रकट होकर हमारे भावी जीवन को नियंत्रित एवं निर्धारित करते हैं। इसके आधार पर हम अपनी आत्मा में छिपी हुई असीमित शक्तियों को प्रकट कर अवचेतन मन के माध्यम से मानसिक विकार तथा कैंसर जैसी जटिल बीमारी को भी ठीक कर पाते हैं। इंदौर शहर से भी कई महिलाएं हैं, जिन्होंने इस प्रकार कैंसर से छुटकारा पाया है। इसे “न्यूरो साईको इम्यूनोलॉजी” के रूप में जाना जाता है और इसी सिद्धांत को लेकर “भावनायोग” को तैयार किया गया है। अभय प्रशाल में 17 अगस्त को मुनि प्रमाण सागर जी महाराज ने यह बात कहते हुए मार्गदर्शन दिया। इस भावनायोग में भगवान को इष्ट मानकर उनकी स्तुति, प्रार्थना, सामायिक और कायोत्सर्ग को मिलाकर “प्रभु के प्रति आभार से शुरुआत की गई। जगत में सब मंगलमय होय… मुनिश्री ने तीन बार ओंकार ध्वनि के साथ कहा कि जब व्यक्ति के अंदर सकारात्मकता प्रवेश कर जाती है तो व्यक्ति बिना पंखों के उड़ान भरने लगता है। वहीं जब नकारात्मकता हावी होती है, तो अच्छी से अच्छी औषधि भी लाभ नहीं करती। उन्होंने कहा कि गुरु और चिकित्सक के प्रति विश्वास जरूरी है। उन्होंने उदाहरणों के माध्यम से उपस्थित जन समुदाय को संपूर्ण शरीर के अंग प्रत्यंगों का निरीक्षण कराते हुए “ऊर्जा प्रवाह” का ध्यान कराया तथा अपने आपको सकरात्मक शांत और सक्षम बनाने की भावना भाते हुए अपनी निंदा गर्हा करते हुए मन को साफ और स्वच्छ करने की कला बताई। उन्होंने अपने भावी जीवन को उत्सव की तरह जीने का तरीका बताया। मुनिश्री ने भावनायोग को प्रातः और सोने के पूर्व के समय को उपयुक्त बताया। अंत मेंं “मंगलभावना” के साथ समापन हुआ जिसे “मंगल मंगल होये जगत में सब मंगलमय होय” गीत के रूप में सामूहिक गान के रूप में प्रस्तुत किया गया। सांसद लालवानी भी हुए शामिल प्रवक्ता अविनाश जैन एवं राहुल जैन (स्पोर्टस) ने बताया अभय प्रशाल के खचाखच भरे स्टेडियम में लगभग 15000 से अधिक महिला-पुरुष उपस्थित थे, जिन्होंने अपने तन को स्वस्थ, मन को मस्त तथा आत्मा को पवित्र बनाने के लिए इस भावनायोग शिविर में भाग लिया। इस अवसर पर सांसद शंकर ललवानी भी शामिल हुए एवं लगातार दो घंटे मुनिश्री की वाणी का लाभ लिया तथा भावना योग के लाभ को देखते हुए उन्होंने शैक्षणिक संस्थानों में लागू करने की बात कही। धर्म प्रभावना समिति के पदाधिकारियों ने सभी अतिथियों का सम्मान किया। धर्म प्रभावना समिति के नवीन गोधा, आनंद गोधा, अशोक रानी दोषी, हर्ष जैन, मुकेश विजय संजय पटौदी, धर्मेंद्र जैन, भरत मोदी, रितेश पाटनी, सांसद प्रतिनिधि निलेश वेद, दिलीप गोधा, दिलीप जिनेश झंझरी, महेंद्र जैन, राहुल उदय नगर, आशीष रामबाग, पवन सिंघई भी विशेष रूप से मौजूद थे। मंच संचालन अभय भैया, अशोक भैया ने किया। कार्यक्रम का संचालन मुस्कान मानस बाकलीवाल ने किया।