रेप केस में नाबालिग कोर्ट में मुखरी, सुनाई सजा:रेपिस्ट को सजा दिलाने में डीएनए रिपोर्ट बनी आधार, पिपरिया की बाहुबली लॉज में हुआ था रेप

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नर्मदापुरम के पिपरिया में एक नाबालिक किशोरी से नकली बंदूक की नोक पर रेप करने के मामले में 3 साल बाद फैसला आया। अपर सत्र न्यायाधीश कैलाश प्रसाद मरकाम ने रेप के आरोप में दोषी पाते हुए रेपिस्ट संदीप अहिरवार को 10 साल जेल में रहने की सजा सुनाई। साथ ही आरोपी को रेप, डराकर अपहरण धाराओं में जुर्माना भी किया। ट्रॉयल के दौरान कोर्ट में पीड़िता ने रेप की घटना इंकार कर दिया था। लेकिन डीएनए जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव आई। जिस आधार पर कोर्ट ने आरोपी को रेप केस में दोषी पाया। जिला लोक अभियोजन अधिकारी राजकुमार नेमा ने बताया कि पिछले 4 अक्टूबर 2021 को नाबालिग पीड़िता दोपहर के समय जब अपनी साइकिल से ट्यूशन पढ़ने पिपरिया जा रहीं थी, तभी आरोपीगण संदीप एवं राजेश ने बाइक से आकर पीड़ित बालिका से जोर जबरदस्ती कर नकली बंदूक दिखाकर उसे बाइक पर बैठाकर पिपरिया स्थित बाहुबली लाज ले गए थे। लॉज में उसके साथ दुष्कर्म की घटना कारित की। उक्त घटना की शिकायत पीड़िता ने थाना पिपरिया में की थी, थाना पिपरिया पुलिस ने केस दर्ज किया। धारा 376,363, 365, 376डी ,506(2)भादवि. एवं धारा 03/04,16/17 पाॅक्सो एक्ट के तहत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। प्रकरण में अभियोजन द्वारा न्यायालय मे कुल 24 साक्षियों को परीक्षित कराया गया। पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक विक्रम सिंह चौधरी ने कोर्ट में पीड़िता ने रेप की घटना होने से इंकार कर दिया था। पीड़िता ने कहा था कि केवल छेड़छाड़ हुई। लेकिन प्रकरण में आरोपी का ब्लड सैंपल लेकर उसका डीएनए कराया था, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। न्यायालय ने वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर अभियोजन के तर्को से सहमत होकर आरोपी संदीप अहिरवार को धारा 376,366,365,506(2) भादवि. में दोषी पाया। उसे 10 साल की सजा सुनाई।