2 अगस्त को मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सरकारी और निजी कॉलेजों को आदेश जारी किया। इसमें 88 किताबों को हर कॉलेज की लाइब्रेरी में शामिल करने की बात कही गई। इन किताबों में ज्यादातर लेखक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हैं, जिनमें संघ के सर कार्यवाह रहे सुरेश सोनी की भी तीन किताबें शामिल हैं। इन किताबों को खरीदकर कॉलेजों की लाइब्रेरी में रखने का आदेश दिया गया। इस आदेश के बाद राजनीति गरमा गई है। इस विवाद पर मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से बातचीत की। सवाल- जो किताबें आप शामिल कर रहे हैं। इसमें ज्यादातर लेखक आरएसएस के हैं?
जवाब- भारत की सभी लाइब्रेरियों में जो किताबें उपलब्ध हैं उसके अतिरिक्त हम साहित्य की किताबों को उपलब्ध करा रहे हैं। जिससे थीसिस लिखने वाले विद्यार्थी, लेखकों को पुस्तकों का भंडार मिल जाए। अब जैसे गणित में दशमलव किसने दिया? शून्य किसने दिया? यानी दुनिया को गणना किसने सिखाई। ये तो भारत ने सिखाई। अब इसको हम जोड़ेंगे, तो क्या तकलीफ है? हम आगे जाकर प्रमेय पढ़ेंगे, तो अंदर पाइथागोरस लिखा है, लेकिन भारत की ज्ञान परंपरा में प्रमेय के रूप में कहेंगे कि ये तो भारत की देन थी उसके पहले बोधायन ने इसका सूत्र दिया था, तो इसमें गलत क्या है? सवाल- कांग्रेस का कहना हैं कि जबरन अपनी विचारधारा विद्यार्थियों पर थोप रहे हैं, और हम कोर्ट जाएंगे?
जवाब- यह हमारी विचारधारा नहीं है। हमारी विचारधारा तो देश है। यह तो भारत की विचारधारा है। मैं कांग्रेस के लोगों से कहता हूं वेद किसकी विचारधारा है? क्या भारत की नहीं है? भगवद् गीता, रामायण यह भारत की विचारधारा नहीं है? यदि हमारे देश के किसी वैज्ञानिक ने कोई खोज की है, वह भारत की विचारधारा नहीं है। भारत के जिस गणितज्ञ ने दशमलव के अविष्कार किया है, वह भारत की विचारधारा नहीं है क्या? कांग्रेस बताए विदेशी विचारधारा है क्या? हम तो भारत की विचारधारा मान रहे हैं। इसलिए कांग्रेस जानबूझकर विरोध कर रही है। क्योंकि, इससे कांग्रेस के पाप खुलने वाले हैं। कांग्रेस ने ऐसे लेखकों की किताबों से पढ़वाया गया है, जिनमें लिखा गया है कि रावण का वध, राम ने नहीं किया, लक्ष्मण ने किया है। क्या ये असत्य नहीं है? इसलिए असत्य, इतिहास,असत्य जानकारी पढ़ाने के कांग्रेस दोषी है। सवाल- जो लेखक हैं उनमें क्या दूसरी विचारधारा की या कांग्रेस के लेखकों की किताबें आप शामिल करेंगे?
जवाब- देखिए, कांग्रेस-बीजेपी का लेखक नहीं होता। ये लेखक विचारक स्वतंत्र होते हैं। वह अपने विचार होते हैं। अब गणित विषय गणित में बोधायन कोई आरएसएस ने दी तो। उसको बोधायन के प्रमेय है वो। बता दो हम क्या करें जब कणाद ऋषि पैदा हुए कब का है? और अगस्त मुनि जो पैदा हुए ईसा के 4 साल पहले 4 साल पहले का काल माना जाता। उनका तब तो कोई नहीं था। दुनिया के जितनी सभ्यताएं जो आज सभ्यता के आधार पर राहुल गांधी नकार रहे हैं, भारत में। उनके माता जी के देश की वह भी सभ्यता नहीं थी। केवल हमें दुनिया में। इसलिए भारतीय दृष्टिकोण क्या है, वह स्पष्ट है। उसको हम भारतीय ज्ञान परंपरा के रूप में देखते हैं। वह सभी विषय का है और इसलिए सही इतिहास लिखना, सही संदर्भों के साथ लिखना, भारत की ज्ञान परंपरा को विद्यार्थी तक पहुंचाना, उससे सब चीज का विकास हुआ है। सवाल- इन किताबों में इतनी अच्छी बातें हैं तो इन्हें पाठ्यक्रम में शामिल क्यों नहीं किया जाता?
जवाब- ऐसा है। अब गणित में थ्योरिटिकल किताबें कैसे पढ़ाएं? गणित है तो उसमें यह बताना पड़ेगा कि यह जो प्रमेय पढ़ाई जा रही है पाइथोगोरस के नाम से…पाइथागोरस ने उसका सूत्रपात किया था तो उसके नाम से पड़ा। लेकिन, इसके पहले बोधायन ने भी यानी हमने ये किया था। हम बोधायन को जरूर पढ़ाएंगे। इसलिए यह किताब केवल संदर्भ ग्रंथ के रूप में उपयोग हो सकती है। सुरेश जी (सुरेश सोनी) की किताब में अगस्त्य मुनि का उल्लेख है। ईसा के 4000 साल पहले की बातें उन्होंने उसमें ये बात बताई है। अब कांग्रेस के राहुल गांधी अगस्त्य संहिता पढ़ लें। कांग्रेस के राहुल गांधी ऋग्वेद पढ़ लें, और वह मौलिक किताब लिख दें कि ऋग्वेद में लिखा गया है कि यह पृथ्वी सूर्य के आसपास चक्कर लगाती है। आपको पढ़कर बता देता हूं कि ऋग्वेद में लिखा है चंद्र जो कि पृथ्वी का पुत्र है, अपने ग्रह पृथ्वी के चारों ओर घूमता है और मात्र ग्रह अपने प्रकाशमान पितृ ग्रह सूर्य के चारों ओर घूमता है। अब यह ऋग्वेद श्रीमान राहुल गांधी पढ़ लें, लिख दें किताब, हम लाइब्रेरी में रख देंगे। छात्र पढ़ेंगे तो पढ़ लें, उनका नाम देखकर नहीं पढ़ेंगे तो हम क्या कर लेंगे? इसलिए बहुत सारी चीजें स्पष्ट है कि भारत की ज्ञान परंपरा में सबका समावेश है। लेकिन जो सही है वह ही तो पढ़ेंगे ना? क्या रावण का वध राम ने नहीं किया? गांव में बहुत कम पढ़ने वाला जो रामायण पढ़ना भी नहीं जानता। वह कहेगा झूठी बात है। इसलिए केवल कांग्रेस के लोग राजनीतिक आधार पर ऐसी बातें कर रहे हैं क्योंकि उनके पास आधार नहीं बचा है। इस देश ने बहुत बड़ा कदम उठाया है। भारतीय ज्ञान परंपरा को पाठ्यक्रमों में सम्मिलित करना और उसके लिए हम तो केवल संदर्भ ग्रंथ उपलब्ध करा रहे। बाकी तो विश्वविद्यालयों को अपना पाठ्यक्रम तय करना है। सवाल- कांग्रेस विरोध क्यों कर रही है?
जवाब- कांग्रेस ने वैक्सीन का विरोध किया। कांग्रेस ने सेना की सर्जिकल स्ट्राइक का विरोध किया। एयर स्ट्राइक का विरोध किया। कांग्रेस ने केवल देश के विभाजन का विरोध नहीं किया, बाकी सबका विरोध किया। अब हम हम यदि कल यह कहे कि हम भारत का जो हिस्सा है, जो विभाजन था, जो पाक अधिकृत कश्मीर था, वह भारत में लाएंगे तो कांग्रेस इसका विरोध करेगी। सवाल- आपने बोला कि कांग्रेस का बीज कहां का है, ये हम सब जानते हैं?
जवाब- कांग्रेस की स्थापना किसने की है? सब जानते हैं कौन संचालित कर रहा है। भारत प्रेरित व्यक्ति कर रहा है क्या? जिनके कोलंबस से संबंध है, वही तो संचालित कर रहा है। सवाल- कोलकाता में एक डॉक्टर के साथ घटना हुई। वहां की मुख्यमंत्री कह रहीं है ये जो उपद्रव हो रहा है वो वाम और राम मिलकर कर रहे हैं?
जवाब- यह जो घटना हुई बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और नैतिक रूप से इस देश पर यहां के समाज पर कलंक लगाने वाली घटना है और इसलिए यदि ममता बनर्जी कहती हैं तो और बड़ा अपराध कर रही है। उसको तत्काल कार्रवाई करना चाहिए। हमारा जाना जिसने अपराध किया है वो किसी का भी व्यक्ति हो सख्त कारवाई करें। सवाल- डॉक्टरों पर जो घटनाएं घट रही है वो सेंट्रल डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट की मांग कर रहे हैं?
जवाब- देखिए, वह उनकी मांग अपनी जगह है। इस प्रकार का अपराध करने का किसी को अधिकार नहीं है। मत भिन्नता हो सकती है कि डॉक्टर ने आपसे ज्यादा पैसे ले लिए, फीस ज्यादा ले ली… ठीक है। किसी का मरीज बीमार होगा तो वह दो बहस करेगा। आपने गलत गोली दे दी, और बेटा मर गया। जिस दिन ऐसी घटना हो बड़े मन से डॉक्टर को भी स्वीकार करना चाहिए, लेकिन इसका मतलब है यह नहीं डॉक्टर हत्या करते हैं। यह घटना इन सबसे अलग हटकर है। सामूहिक बलात्कार घोर अपराध है। उनको फांसी होना चाहिए।