हत्यारे को उम्रकैद..लेकिन मर्डर क्यों किया आज भी रहस्य:इंदौर का नर्स मर्डर केस; सरकारी वकील बोलीं- जान क्यों ली, इसका जवाब नहीं मिला

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इंदौर की लता वर्मा हत्याकांड के आरोपी रफीक शेख (54) को कोर्ट ने उम्र कैद की सजा दी है। चाकू से गोदकर की गई घटना में 5 साल बाद फैसला आया। लेकिन, हत्या के पीछे मकसद क्या था, यह फिर भी रहस्य ही है। केस लड़ने वाले वकील और लता के परिवार वालों के जेहन में ये सवाल है कि ‘आखिर आरोपी रफीक की लता से क्या दुश्मनी थी। उसने ऐसा क्यों किया? कोई व्यक्ति इलाज कराने के लिए अस्पताल में चाकू साथ लेकर क्यों आया होगा? पहले आया तो उसने पत्नी का इलाज कराने की बात की, लेकिन थोड़ी देर में अकेला लौटा और नर्स की ही हत्या कर दी। घटना मालवा मिल क्षेत्र में ग्रेटर मालवा नर्सिंग होम में 6 जून 2019 को हुई। नर्सिंग होम नर्स लता के पति रामकृष्ण वर्मा चलाते थे। लता मदद करती थी और गरीबों का इलाज फ्री में कराती थी। नर्सिंग होम की बिल्डिंग में ही फर्स्ट फ्लोर पर ही उनका घर भी था। चाकू लेकर क्यों आया होगा, यही सवाल? घटना वाली सुबह पाटनीपुरा का रहने वाला आरोपी रफीक शेख नर्सिंग होम आया। लता नर्सिंग होम में अकेली थी, पति डॉ. रामकृष्ण दिल्‍ली गए थे। रफीक बोला- पत्नी का इलाज कराना है। लता ने जवाब दिया कि डॉक्टर साहब बाहर हैं। इस पर वह बोला- मैडम, आप ही इलाज कर दो। लता ने हामी भर दी और कहा कि पत्नी को यहां ले आओ। थोड़ी देर बाद फिर से रफीक अकेला ही आया है। लता नर्सिंग होम की चाबी लेने गई हुई थी। उतरते समय अचानक रफीक ने हमला कर दिया और लहुलूहान कर दिया। बरामदे में छह साल का नाती गेम खेल रहा था जब घटना हुई तब बरामदे में लता का नाती (6) मोबाइल गेम खेल रहा था। नानी की चीख सुनकर वह भी दौड़ा और मामा अभिषेक को बुलाया। अभिषेक आया और मां लता को बचाने की कोशिश की। बावजूद आरोपी रफीक पीछे नहीं हटा। रफीक ने फिर लता को दो से तीन चाकू मारे। आखिर में अभिषेक के भी सीने पर चाकू मारकर भाग निकला। चीखें सुनकर मोहल्ले वाले भी आ गए। सबने घेरकर रफीक को मौके पर ही पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया था। चाकू भी जब्त किया गया। लता और अभिषेक को प्राइवेट अस्पताल लाए। यहां लता को मृत घोषित कर दिया गया। पहले जानिए क्या है पूरा मामला… चाकू लेकर इलाज कराने कोई क्यों आएगा अतिरिक्त जिला लोक अभियोजक आरती भदौरिया ने कहा,15 गवाह कोर्ट में पेश किए। आरोपी की तरफ से बचाव पक्ष का कहना था कि हमारी कोई दुश्मनी नहीं थी। हमने भी कहा कि हमारी क्या दुश्मनी है, जो आरोपी को झूठा फंसाएंगे। आरोपी ने हत्या क्यों की ये कारण स्पष्ट नहीं हुआ है। केस में प्रत्यक्षदर्शी मौजूद थे। कोर्ट ने गवाहों पर भरोसा किया। आरोपी को उम्र कैद की सजा सुनाई।