ग्वालियर में चार दिन पहले मुरैना के हिस्ट्रीशीटर बदमाश, हत्या के आरोपी ने खुद को गोली मारकर दुश्मनों काे फंसाने का षड़यंत्र रचा था, लेकिन पुलिस के सामने उसके यह मंसूबे कामयाब नहीं हो सके हैं। चार दिन में पुलिस ने मामले का खुलासा किया है। पुलिस ने शुक्रवार को घायल पर ही षड़यंत्र रचने और खुद को गोली मारने पर घायल सहित तीन पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया है। पुलिस ने घायल सहित तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह तीनों इस साजिश में शामिल थे। घटना चार दिन पहले पड़ाव के फूलबाग मानस भवन के सामने की है। पुलिस अब पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में लगी है कि वह हथियार कहां से लेकर आए।
ग्वालियर में 12 अगस्त को फूलबाग चौराहे पर एक युवक गोली लगने से घायल हुआ था। मामले का पता चलते ही पुलिस मौके पर पहुंची ताे उससे पहले ही घायल को उसके साथी उपचार के लिए अस्पताल ले गए थे। जब पुलिस अस्पताल पहुंची तो घायल ने बताया कि उसका नाम मोनू रावत उर्फ जयभान रावत पुत्र ब्रह्मनंद रावत निवासी बीटीआई रोड सबलगढ़ मुरैना है। वह अपने दोस्त तासू शाक्य व एक अन्य के साथ बाइक से जा रहा था। तभी संजय व विजय शाक्य आए और उसे गोली मार दी। गोली उसके पैर में लगी और वह घायल हो गया। घायल की पूरी कहानी सुनने के बाद पुलिस ने अपने स्तर पर जांच शुरू कर दी। पुलिस को जांघ में गोली लगने और आसपास ब्लैकनिंग आने पर मामला संदिग्ध लगा। जांच में पता लगा कि घायल मुरैना के सबलगढ़ का हिस्ट्रीशीटर है और हत्या का आरोपी है।
पुलिस ने इस तरह किया खुलासा
टीआई पड़ाव इला टण्डन ने बताया कि शुरूआत में मामला हत्या के प्रयास का नजर आया। इसके बाद पुलिस जब घटना स्थल पर पहुंची तो कुछ तथ्य उनके बयान से मेल नहीं खा रहे थे। इसके बाद पुलिस ने जब संजय व विजय शाक्य की जानकारी जुटाई तो उनका ग्वालियर में होना नहीं मिला। मामले की जांच की तो पता चला कि घायल मोनू के खिलाफ संजय व विजय ने हत्या का मामला दर्ज कराया था। इसके बाद मामले का फर्जी होना तय हो गया था और पुलिस को सिर्फ सबूतों की जरुरत थी।
CCTV कैमरे के फुटेज से मिले सबूत
इसके बाद पुलिस ने CCTV खंगाले तो घटना स्थल के पास मोनू व उसके दोस्त नजर आ रहे थे, लेकिन जिन पर आरोप था वह कहीं नजर नहीं आए। इसके बाद पुलिस ने उसके साथ घटना स्थल पर मिले तासू शाक्य की तलाश की और उसे थाने लाकर पूछताछ की तो दोनों के बयानों में कुछ अंतर मिला और उससे लगातार पूछताछ की तो उसने कहा मोनू ने दुश्मनों को फंसाने के लिए घटना को अंजाम दिया है। साथ ही बताया कि वारदात में प्रयुक्त कट्टा उसने बिजलीघर के पास झाड़ियों में छिपाया हुआ है। इसका पता चलते ही पुलिस ने उसके बताए स्थान से कट्टा बरामद कर लिया है। साथ ही बताया कि घटना के समय बाइक उसका दोस्त विवेक मिश्रा चला रहा था। इसका पता चलते ही पुलिस ने विवेक की तलाश की तो विवेक उन्हें स्टेशन के पास मिला।
दोस्त हिरासत में तो स्वीकार की घटना
शुरूआत से ही मोनू गोली मारने का आरोप संजय व विजय पर लगा रहा था। जब पुलिस ने उसके साथियों के गिरफ्तार होने और उनसे कट्टा व बाइक बरामद होने की बात कही तो मोनू ने वारदात को खुद अंजाम देना कुबूल किया है। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर मोनू, विवेक और तांसू को गिरफ्तार कर लिया है।