जिले में डॉक्टर्स की काम बंद हड़ताल:24 घंटे नहीं देंगे सेवाएं, बालाघाट आईएमए की बैठक में निर्णय

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कोलकत्ता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर महिला डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत और हत्या के खिलाफ बालाघाट में डॉक्टर्स में आक्रोश है। इंडियन मेडिकल एशोसिएशन (आईएमए) की बालाघाट इकाई ने शनिवार को 24 घंटे के काम बंद हड़ताल का ऐलान किया है। 17 अगस्त को जिले का कोई भी डॉक्टर सुबह 6 बजे से 18 अगस्त की सुबह 6 बजे तक अपनी सेवाएं प्रदान नहीं करेगा। सिर्फ इमरजेंसी होने पर ही मरीजों का इलाज किया जाएगा। बालाघाट में शुक्रवार देरशाम आईएमए ने बैठक की और निर्णय से अवगत कराया। आईएमए अध्यक्ष डॉ. दिनेश मेश्राम ने कहा कि ऐसी घटना सभ्य समाज के खिलाफ है। निर्ममता से जूनियर डॉक्टर की हत्या की गई है। जिससे पूरे देश के डॉक्टर्स में नाराजगी है। यही नहीं बल्कि उन्होंने तो जूनियर डॉक्टर के पीएम रिपोर्ट के हवाले से उसके साथ कई लोगों के हैवानियत किए जाने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि देररात तक अस्पताल में महिला डॉक्टर और पैरामेडिक स्टाफ डिलेवरी से लेकर अन्य चिकित्सीय सेवाओं देती है। इसके चलते सरकार डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की सुरक्षा को लेकर कड़े कानून बनाए जाए। आईएमए प्रदेश संगठन गवर्निंग मेंबर और पूर्व प्रांतीय उपाध्यक्ष मेडिकल स्पेशलिस्ट डॉ. बी.एम. शरणागत ने घटना को जघन्य बताते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं से पूरे डॉक्टर्स में आक्रोश और भय का माहौल है। मरीजों को यदि रात में भी इलाज की जरूरत पड़े तो हर चिकित्सक अपनी सेवाएं देता है। इस घटना के बाद डॉक्टर स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहा है। हमारी केन्द्र सरकार से मांग है कि डॉक्टर्स की सुरक्षा के लिए कड़े कानून बनाए जाएं। उन्होंने बताया कि आज जिले के सभी डॉक्टर्स इस घटना के विरोध में प्रशासन को सुबह 11 बजे ज्ञापन सौपेंगे और शाम 6 बजे कैंडल मार्च निकालेंगे।