घायल को लटकाकर दौड़े आदिवासी:मुख्य मार्ग छोड़ खेत से दौड़े थे ग्रामीण, तीन लोगों की हो चुकी है मौत; प्रशासन ने दिया तर्क

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रविवार को जबलपुर की एक तस्वीर सामने आई थी, जहां एक युवक को बिजली का करंट लगने के बाद गंभीर रूप से घायल अवस्था में इलाज के लिए जब गांव से ले जाया जा रहा था, तब चार लोग युवक को हाथ में लटका कर ले जा रहे थे, थोड़ी देर आगे जाने के बाद खाट में लिटाकर बिजली से जले युवक को शहपुरा अस्पताल के बाद मेडिकल कालेज ले जाया गया जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। सोशल मीडिया में जब यह वीडियो तेजी से वायरल हुआ कि एक युवक को इलाज के लिए खेत के बीच से मुख्य मार्ग तक लाया जा रहा है, जिसके बाद जिला प्रशासन ने इस पूरे घटनाक्रम की जांच कर रिपोर्ट तैयार की तो बताया की सोशल मीडिया में जो वीडियो वायरल हुआ है वह निजी जमीन का है, जिसे कि जल्दबाजी में मुख्य मार्ग से ना ले जाकर खेत की पगडंडी से ले जाया गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि गांव से मुख्य मार्ग की सड़क की लंबाई करीब एक किलोमीटर जो कि कई दशक से खराब है, यही वजह है कि घटना वाले दिन जल्दबाजी में इलाज के लिए युवक को खेत से लाया गया था। बरगी विधानसभा के शहपुरा तहसील के अंतर्गत आने वाले सालीवाडा ग्राम पंचायत के बिरहोला गांव में आजादी के बाद से सड़क नहीं बनी है। करीब दो सौ ग्रामीणों की आबादी वाले इस गांव में मुख्य मार्ग तक पहुंचने के लिए आज भी सड़क नहीं है। जैसे-तैसे कुछ साल तक तो लोग खराब सड़क का उपयोग किया पर जब हालत ज्यादा खराब हो गई तो गांव के लोगों ने सड़क का उपयोग करना बंद कर दिया। दैनिक भास्कर ने जब पूरे घटनाक्रम की जानकारी जुटाई तो पता चला कि बिरहोला से लेकर मैली तक करीब एक किलोमीटर का रास्ता सालों से नहीं बना। इस सड़क पर इतने गहरे गड्डे हैं कि बाइक तो छोड़ो इंसान भी पैदल भी नहीं चल सकता है। खराब सड़क को लेकर कई बार उपसरपंच से लेकर ग्रामीणों ने जनपद सीईओ, तहसीलदार और एसडीएम को लिखित शिकायत पर सड़क नहीं बनी। उपसरपंच का कहना है कि घटना वाले दिन मचल सिंह ठाकुर का जान बचाना जरूरी थी, इसलिए खेत की मेड़ ले उसे खाट में लिटाकर लाया गया था। अगर मुख्य मार्ग से लाते जिसकी लंबाई एक किलोमीटर है, वह इतनी दूर थी कि खराब सड़क के बीच ही मचल सिंह की मौत हो जाती। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत सालीवाडा का बिरहोला टोला जहां पर की करीब 200 से अधिक लोगों की आबादी है। पंचायत की मुख्य मार्ग से जुड़ने के लिए आजादी के बाद से यहां पर सड़क नहीं बनी है। शासन स्तर पर कागजों मे सालों से सड़क स्वीकृत है पर आज तक कभी बनी नहीं है। ठंड-गर्मी में जैसे-तैसे पैदल तो लोग निकल जाते है पर बारिश में यह सड़क पूरी तरह से बंद हो जाती है। हालत ऐसे होते है कि बिरहोला वर्षा के समय पूरी तरह से पानी में घिर जाता है जिसके चलते लोग घरों मे कैद हो जाते है। ग्रामीणों ने बताया कि मुख्य मार्ग मैली तक पहुंचने के लिए खराब सड़क के बाद एक मात्र सहारा अरविंद सिंह की खेत का मेढ़ बचता है, पर वो भी मना कर देते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि तीन दिन पहले जब मचल सिंह को करंट लगा, तो खेत के मेढ़ ही एक मात्र रास्ता थी, क्योंकि जो मुख्य मार्ग था वह एक किलोमीटर का था। इतना खराब था कि टू-व्हीलर भी उस सड़क पर नहीं चल सकती थी। यह जानकारी जब कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना को लगी, तो उन्होंने एसड़ीएम नदिमा शिरी को जांच के निर्देश दिए। गुरुवार को पटवारी मयूर कुमार मौके पर पहुंचे और जमीन का खसरा नंबर नोट किया। जांच के दौरान पटवारी ने भी देखा कि बिरहोला से मुख्य मार्ग मैली तक रास्ता करीब एक किलोमीटर का है, जो कि जर्जर है। इतना ही नहीं यह रास्ता है इतना खराब है कि एक किलोमीटर के रास्ते में टू-व्हीलर का चलना भी मुमकिन नहीं है। बारिश के समय तो यह रास्ता और भी खराब हो जाता है। पटवारी ने बिरहोला से लेकर मैली तक कि एक किलोमीटर खराब सड़क की रिपोर्ट बनाकर एसडीएम को दी है, जो कि शुक्रवार को कलेक्टर को सौंपी जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि तीन दिन पहले जिस खाट में मचल सिंह का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था वह निजी जमीन थी, जांच के दौरान यह भी पता चला है कि जिस जमीन से मचल सिंह को हाथों में उठाकर लाया गया था, वह अरविंद सिंह नाम के व्यक्तिी की है, जिसे कि बारिश के समय ग्रमाण आने-जाने के लिए उपयोग करते हैं। कई बार सरपंच, सचिव से लेकर विधायक को भी जानकारी दी, पर कुछ नहीं हुआ। जानकारी के मुताबिक बीते तीन साल में खराब सड़क के कारण अभी तक तीन ग्रामीणों के मुताबिक हो चुका है। 2022 में एक महिला की अचानक ही तबीयत खराब हो गई। आनन-फानन में उसे इलाज के लिए मुख्य मार्ग से ले जाया जा रहा था, पर सड़क इतनी खराब थी कि फिर उसे खेत की मेड़ ले ले जाया गया पर अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसी मौत हो गई। इसी तरह 2023 में 60 साल के नब्बू सिंह को हार्ट अटैक आया, उसे भी जल्दबाजी में खाट मे लिटाकर मेढ़ से मुख्य मार्ग तक ले जाया गया पर रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। अब 2024 में मचल सिंह को समय पर इलाज ना मिलने के कारण मौत हो गई। मध्यप्रदेश के डिप्टी सीएम और जबलपुर प्रभारी मंत्री ने सड़क के कारण हुई मौत को गंभीरता से लिया है। प्रभारी मंत्री बनने के बाद पहली बार जबलपुर पहुंचे डिप्टी सीएम ने कहा कि खराब सड़क के कारण किसी को खाट में लेकर जाना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि घनटाक्रम की जांच की जा रही है कि मचल सिंह की मौत कैसे हुई है। उन्होंने कहा कि गांव में सड़क नहीं है, तो इसका भी इस्टीमेट बनवाया जाएगा। खराब सड़क जल्द बनवाई जाएगी।