शहर में लगातार वाहनों के बढ़ने से यातायात का दबाव भी बढ़ रहा है ऐसे में हर दिन शहर के अंदर जाम की स्थिति बन रही है। शहर में हर दिन जाम लगने का एक मुख्य कारण ट्रांसपोर्ट व्यवसाय का शहर के अंदर संचालित होना है। यही वजह है कि नगर निगम ने ट्रांसपोर्ट व्यवसाय को शहर के बाहर शिफ्ट करने की योजना बनाई थी। 2009 में योजना का शुभारंभ किया गया और 2017 तक ट्रांसपोर्ट व्यवसाय को पुरैनी में आवंटित किए गए क्षेत्र से संचालित किया जाना था। लेकिन अब तक ट्रांसपोर्ट व्यवसाय शहर के अंदर से ही संचालित हो रहा है। जिसके कारण शहर में हर दिन जाम की स्थिति बनती है। नगर निगम के नोडल अधिकारी जागेश्वर पाठक ने बताया कि ट्रांसपोर्ट व्यवसाय को ट्रांसपोर्ट नगर में शिफ्ट करने के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं। आपको बतादें कि ट्रांसपोर्ट नगर की स्थापना के लिए पुरैनी गांव में 20 हेक्टेयर सरकारी भूमि का आवंटन किया गया था। जहां पर नगर निगम ने सड़क, पुलिया, नाली, नाला, विद्युतीकरण, पेयजल, पानी की टंकी, सुलभ कॉम्पलेक्स और पार्किंग के लिए निर्माण कार्य कराए गए हैं। ट्रांसपोर्ट नगर योजना में 266 भूखंड है। साल 1989 में ट्रांसपोर्ट नगर योजना में भूखंड आवंटन के लिए 266 ट्रांसपोर्ट कारोबारियों ने पंजीयन राशि जमा कराई थी। जिनका नगर निगम ने सर्वे कराया। जिसमें 144 ट्रांसपोर्ट व्यवसायी पात्र पाए गए थे। राज्य शासन के आदेश पर ना लाभ न हानि के आधार पर साल 2012 में 114 भूखंडों का आवंटन किया गया था। जबकि ट्रांसपोर्ट नगर में 152 भूखंड अभी भी खाली हैं। ट्रांसपोर्ट नगर में 115 ट्रांसपोर्ट कारोबारियों ने पहले की तरह ना लाभ-ना हानि के आधार पर भूखंड की मांग की है। ट्रांसपोर्ट कारोबारियों की मांग के बाद नगर निगम ने परिषद में संकल्प पारित कर राज्य शासन को प्रस्ताव भेजा है। साथ ही इस संबंध में लगातार पत्राचार भी किया जा रहा है। लेकिन अभी स्वीकृति का इंतजार है। स्वीकृति नहीं मिलने के कारण ही ट्रांसपोर्ट व्यवसाय अब तक ट्रांसपोर्ट नगर में शिफ्ट नहीं हो पा रहा है। जिसकी वजह से शहर के अंदर ट्रकों का आना-जाना बना रहता है।