स्वच्छता में देश में सातवीं बार सिरमौर होने के बाद अब आठवीं बार स्थान बनाए रखने के लिए बारिश बाद काम शुरू हो गया। इस बार इंदौर को इसके लिए भरसक प्रयास की जरूरत है। दरसअल सातवीं बार सूरत को भी पहला स्थान मिला है। दोनों शहरों को बराबरी के नंबर मिले थे। इसे देखते हुए इस बार नए इनोवेटिव आइडियाज पर काम किया जाएगा। इसके साथ ही सख्ती भी की जाएगी। सड़क पर कचरा फेंकने वाले स्टूडेंट्स कैमरों में कैद होंगे। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। दरअसल अब इंदौर को अपना स्थान बनाए रखने के लिए काफी मशक्कत करने की जरूरत है। स्वच्छता की दौड़ में अन्य शहर भी अब पूरी ताकत लगा रहे हैं। पिछले साल पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने इसे लेकर संकेत भी दिए थे। इसके बाद यही हुआ और सूरत भी बराबरी पर आ गया। इस बीच चुनाव और अन्य व्यस्तता रही और अब बारिश का दौर है। दूसरी ओर गंदगी भी लगातार बढ़ती जा रही है। रोजाना कई शिकायतें निगम के एप 311 पर भी हो रही है। अभी 100 से ज्यादा शिकायतें पेंडिंग हैं। खुद कमिश्नर वर्मा और मेयर पुष्यमित्र भार्गव मैदानी स्थिति जानने में जुटे हैं। बहरहाल, अब स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 की तैयारियों के लिए प्लान तैयार किया जा रहा है। बुधवार को स्वस्थ भारत मिशन को लेकर मेयर पुष्यमित्र भार्गव की कई बड़े अधिकारियों से बात हुई है। इसमें यह बात सामने आई है कि देश के अन्य शहरों में हमेशा इंदौर को रोल मॉडल दिखाया जाता है। ऐसे में इंदौर पीछे न हो इसलिए कुछ नए इनोवेटिव आइडियाज के साथ बेहतरीन काम किए जाएंगे। इसके साथ ही गंदगी को लेकर चाहे वह आमजन हो, स्टूडेंट्स हो या संबंधित जिम्मेदार अधिकारी या कर्मचारी सख्ती के साथ कार्रवाई की जाएगी। मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि अभी बारिश में सड़कों के गड्ढों पर पैचवर्क और मुरम भरने का काम किया जा रहा है। इस बार सीमेंट की सड़कों पर हुए गड्ढों को नई टेक्नोलॉजी के माध्यम से भरा जा रहा है। इसके बाद नवाचार में अब वेस्ट टू एनर्जी, ग्रीन वेस्ट और सेग्रिगेशन को बढ़ाने के लिए कई अभियान शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि इंदौर की जागरूक जनता के कारण ही शहर में सफाई में नंबर वन रहा है। फिर चाहे वो RRR (Reduce, Reuse, Recycle हो या सेग्रिगेशन के अवेयरनेस का हो। ऐसे में बाहरी लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। अधिकारी-कर्मचारी रोज तीन बार करेंगे मॉनिटरिंग इस बार इन खास बिंदुओं पर सुबह, दोपहर और शाम (तीन बार) रोज मॉनिटरिंग होगी। मॉनिटरिंग अधिकारी, कर्मचारी और जनप्रतिनिधि तीनों करेंगे। ऐसे ही इनोवेशन में स्वच्छता के चैम्पियन, स्वच्छता की सभी 85 वार्डों की आदर्श कॉलोनियां, स्वच्छता मैराथन पर काम किया जाएगा। टू व्हीलर सवार स्टूडेंट्स को लेकर सख्ती खास बात यह कि इंदौर में बाहरी स्टूडेंट्स की संख्या काफी ज्यादा हैं। इनके द्वारा भी काफी कचरा फेंका जाता है। सफाईकर्मियों और अन्य माध्यमों से आई जानकारी में पता चला कि ये स्टूडेंट्स दोपहिया वाहन पर सड़क पर कहीं भी कचरा फेंक देते हैं। इसमें होस्टल के स्टूडेंट्स भी हैं। इन्हें पहले समझाइश दी जाएगी कि रोज अपने क्षेत्र में आने वाली कचरे की गाड़ी में कचरा फेंके। अगर इसके बाद भी अन्यत्र फेंका तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए एनजीओ को नियुक्त किया जाएगा। एनजीओ की टीम सड़क पर कचरा फेंकने वालों के फोटो खींचेगी। ऐसे ही सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से भी ऐसे स्टूडेंट्स के वाहन नंबर, स्थान आदि के माध्यम से चिन्हित कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।