15 अगस्त को 20 कैदी जेल से रिहा:अच्छे आचरण का मिला इनाम, कैदी बोले- नए जीवन की होगी शुरूआत

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हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मध्यप्रदेश की जेल में निरुद्ध कैदियों को रिहा किया गया। कैदियों के अच्छे चाल चलन के चलते मध्य प्रदेश की अलग-अलग जेलों से 177 कैदियों को रिहा करने के शासन ने आदेश जारी किए थे। सबसे ज्यादा सतना जेल से बंदी रिहा हुए है। जबलपुर की नेताजी सुभाष चंद्र बोस केंद्रीय जेल से भी आज 20 कैदियों को उनके अच्छे चाल चलन के चलते जेल से बाहर किया गया, ये सभी कैदी आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे। कैदियों को जब जेल के मुख्य गेट से बाहर किया जा रहा था, उस दौरान गेट पर बैलून लगाकर द्वार बनाया गया था। जेल प्रशासन ने रिहा हुए कैदियों को मिठाई देकर विदा किया और उसने संकल्प लिया कि भविष्य में अब कभी भी अपराध के मार्ग पर नहीं जाएंगे। जेल विभाग के निर्देश पर जबलपुर केंद्रीय जेल से आज 15 अगस्त के अवसर पर आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे 20 बंदियों को उनके सजा के दौरान अच्छा आचरण होने पर सजा में शासन द्वारा माफी प्रदान कर 6 साल पहले साज से मुक्त करते हुए रिहा कर दिया है। जेल से रिहा होने वाले सभी 20 कैदी सजा काटने के दौरान बढ़ई, कुंकिग प्रशिक्षण , इलेक्ट्रिकल प्रशिक्षण, लिफाफा बनाना,स्नेक्स, हलवाई और कृषि का काम सिखा रहे थे। आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी जैसे ही जेल से बाहर निकले तो उनके परिवार बाहर मौजूद थे, जिन्होंने कि माला पहनाकर उनका स्वागत किया और गले से लगाया। कैदी राजू झारिया ने बताया कि हत्या के मामले में उसे उम्रकैद की सजा हुई थी। जेल जाने के बाद पछतावा भी हुआ, और प्रायश्चित करने के लिए जेल में अच्छे से काम किया, यही वजह है कि शासन ने सजा माफ करते हुए रिहा कर दिया।
नेता जी सुभाष चंद्र बोस केंद्रीय जेल के अधीक्षक अखिलेश तोमर ने बताया कि 15 अगस्त और 26 जनवरी में हर साल अच्छे चाल चलन वाले बंदियों को रिहा किया जाता है। आज भी 20 कैदियों को जेल से बाहर खुले आसमान में छोड़ा गया है, यह वो कैदी है जिन्हें कि उम्रकैद की सजा हुई थी, और 20 साल तक सजा काटना था, पर अच्छे काम और जेल में शांति बनाए रखने पर शासन ने इनकी सजा को कम करते हुए रिहा किया है। जेल अधीक्षक ने बताया कि आज जेल से छूटकर बाहर निकलने वाले कैदी जबलपुर के अलावा मंडला, कटनी, डिंडोरी जिले के है।