दो दिन पहले 12 अगस्त को भोपाल स्थित मुख्यमंत्री निवास पर रक्षाबंधन को लेकर महिला जनप्रतिनिधियों के लिए एक कार्यक्रम आयोजित हुआ था। प्रदेश की सभी जनप्रतिनिधि महिलाओं को इसमें शामिल होना था। इसके लिए शासन ने बाकायदा उनके आने-जाने और ठहरने की इंतजाम किए थे। दमोह नगर पालिका की कुल 22 महिला पार्षदों में से 15 ने भोपाल जाने के लिए अपनी लिखित सहमति दी थी, लेकिन सिर्फ 5 ही उस आयोजन में पहुंची। जो अन्य 10 पार्षद हैं उन्होंने जाने-आने के लिए 70 लीटर डीजल और 5 हजार रुपए तो लिए लेकिन वे कार्यक्रम स्थल नहीं पहुंची। इन महिला पार्षदों में नपा उपाध्यक्ष भी शामिल हैं। जानकारी के अनुसार, इन सभी महिलाओं ने बाकायदा नगर पालिका द्वारा जारी सहमति पत्र भरे थे, जिसमें उनकी फोटो भी लगी हुई है। उसके बाद इन सभी महिला पार्षदों को 70-70 लीटर डीजल की पर्ची (लगभग 7 हजार रुपए) और ₹5-5000 नकद लिफाफे में दिए गए, लेकिन केवल पांच महिलाएं ही मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में शामिल हुईं। सीएम ने महिला पार्षदों से बंधवाई थी राखी
बजरिया क्रमांक 7 की बीजेपी से महिला पार्षद कविता राय ने बताया कि मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उनसे सहमति मांगी गई थी। उन्होंने सहमति पत्र भरा था। इसके बाद उन्हें डीजल और ₹5000 का लिफाफा दिया गया। वह कार्यक्रम में शामिल हुई और वहां पर बहुत ही गरिमा पूर्ण तरीके से कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सभी महिलाओं से राखी बंधवाई और सभी को उपहार के रूप में एक-एक साड़ी और श्रृंगार की सामग्री दी। जिन महिला पार्षद ने परिषद से डीजल की पर्ची और पैसे लिए हैं और कार्यक्रम में शामिल नहीं हुई वह गलत है, ऐसा उन्हें नहीं करना था। वार्ड क्रमांक 4 की महिला पार्षद संगीता जैन ने भी बताया कि उन्हें भी डीजल की पर्ची और पैसे दिए गए थे। वह मुख्यमंत्री आवास पर कार्यक्रम में शामिल हुई थी। मैं नहीं पहुंच पाई, इसलिए ₹5000 लौटा दूंगी
कार्यक्रम में शामिल न हो पाने वाली नगर पालिका उपाध्यक्ष सुषमा विक्रम सिंह ने कहा कि वह कई सालों से हर साल सोमवार को जागेश्वर नाथ धाम बांदकपुर जाती हैं। उस दिन उन्होंने भोपाल जाना था, लेकिन उन्हें देरी हो गई। वह भोपाल पहुंची लेकिन कार्यक्रम में शामिल नहीं हुई, क्योंकि कार्यक्रम समाप्त हो चुका था। उन्हें भी डीजल की पर्ची और ₹5000 का लिफाफा दिया गया था। सुषमा सिंह ने कहा कि वह कार्यक्रम में शामिल नहीं हुई है, इसलिए ₹5000 का लिफाफा नगर पालिका सीएमओ को वापस करेंगे। सीएमओ बोलीं- डीजल डलवाया था पैसे नहीं दिए
मामले में नगर पालिका की प्रभारी सीएमओ रितु पुरोहित का कहना है कि शासन से निर्देश थे कि महिला पार्षदों को आने जाने और उनके खाने-पीने का प्रबंध करना है, इसलिए जिन महिलाओं ने सहमति दी थी उन्हें आने जाने के लिए डीजल की पर्ची दी गई थी, लेकिन पैसे नहीं दिए गए थे। जब उनसे कहा गया कि नगर पालिका उपाध्यक्ष कार्यक्रम में शामिल नहीं हुई है जो आपको ₹5000 का लिफाफा वापस करने की बात कर रही हैं तो सीएमओ ने कहा उनके द्वारा कोई भी पैसा नहीं दिया गया है।