नीमच जिले के मनासा वनपरिक्षेत्र अंतर्गत आने वाले गांव खड़ावदा में मंगलवार बुधवार की देर रात को उसे समय हड़कंप मच गया। जब गांव के रिहायशी इलाके में बने एक पशुओं के बाड़े में एक विशालकाय मगरमच्छ आ गया। दरअसल गांव खड़ावदा निवासी रमेश पिता नारायण जाट के घर के पिछले हिस्से में पशुओं का बाड़ा बना रखा है। यहीं पर खेती बाड़ी से संबंधित सामान रखा गया है और मवेशियों को बांधकर रखा जाता है। परिजनों को मगरमच्छ होने की जानकारी तब हुई। जब बाड़े में मौजूद मवेशियों ने रंभाना शुरू किया। रंभाने की आवाज सुनकर घर के लोग बड़े में गए तो वहां विशाल मगरमच्छ दिखाई दिया। इसके बाद परिजनों ने वन विभाग की टीम को इसकी जानकारी दी। रात्रि में ही वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद मगरमच्छ को पिंजरे में कैद कर लिया। जिसे बाद में गांधी सागर जलाशय में छोड़ दिया गया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि गांव के पास स्थित नदी या तालाब से यह मगरमच्छ विचरण करता हुआ बाड़े तक पहुंच गया। गनीमत यह रही कि इस दौरान मगरमच्छ ने किसी को अपना शिकार नहीं बनाया। मगरमच्छ की लंबाई करीब 7 से 8 फीट और वजन 80 से 90 किलो बताया जा रहा है। गौरतलब है कि सोमवार रात्रि में भी रामपुरा क्षेत्र के भमेसर गांव में एक मगरमच्छ पशुओं के बाड़े में घुस गया था। जिसे वन विभाग की टीम ने 2 घंटे की मशक्कत के बाद पिंजरे में कैद कर गांधी सागर जलाशय में छोड़ा था। इस मगरमच्छ का वजन करीब 200 किलो और लंबाई 9 फीट थी।