भोपाल के कटारा हिल्स में हाउसिंग बोर्ड का 34 एकड़ में रेसीडेंसियल प्रोजेक्ट आ रहा है। सफायर पार्क सिटी नाम का यह प्रोजेक्ट लहारपुर इकोलॉजिकल पार्क के पास 46 एकड़ में फैला है। पहले से इस प्रोजेक्ट में 40 विला बने हुए हैं। अब इसमें प्लॉट विकसित करके बेचे जाएंगे। इस फेज में 34 एकड़ में 186 भूखंड विकसित किए जा रहे हैं। प्रोजेक्ट की खासियत यह है कि आधुनिक सुविधाओं के साथ हरियाली का भी ध्यान रखा गया है। प्रोजेक्ट में हाउसिंग बोर्ड सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) भी विकसित करके देगा। ताकि सोसायटी से निकलने वाले दूषित व गंदे पानी का वहीं एसटीपी प्लांट में ट्रीटमेंट करके बागीचों में इस्तेमाल किया जा सके। इस प्रोजेक्ट में हरियाली के लिए अलग से ग्रीन लैंड पार्सल और सड़कों के किनारे पेड़ रखे गए हैं। एसटीपी प्लांट से निकलने वाले पानी से पेड़ों और पार्क की सिंचाई की जाएगी। ये सुविधाएं मिलेंगी
अंडरग्राउंड इलेक्ट्रिक लाइट, फुटपाथ, चौड़ी सड़के, सेंट्रल वर्ज, स्विमिंग पूल सोसायटी के बीच में ढाई एकड़ का ओपन स्पेस जैसी तमाम सुविधाएं इस प्रोजेक्ट में होगी। अंडर ग्राउंड इलेक्ट्रिक लाइट होगी। वहीं, 12 से 24 मीटर तक की चौड़ी सड़कें रखी गई हैं। इनके साथ फुटपाथ और सेंट्रल वर्ज भी होगा। प्रोजेक्ट के बीच में ढाई ई एकड़ क्षेत्रफल का एक ओपन स्पेस है। जिसमें क्लब हाउस के साथ ही स्वीमिंग पूल भी है।
बैडमिंटन कोर्ट, बास्केटबॉल कोर्ट, वॉकिंग ट्रैक के साथ ही इस सोसायटी में एक से डेढ़ एकड़ के 4 ओपन स्पेस भी दिए जाएंगे। एक कामर्शियल स्पेस भी रखा गया है। साथ ही इसमें हरियाली के लिए विशेष प्रावधान किया गया है। 1300 से 7 हजार स्क्वेयर फीट तक के प्लाट
इस प्रोजेक्ट में 1300 से लेकर 7000 स्कॉवयर फीट तक के प्लॉट विकसित किए जाएंगे। अभी शुरुआती प्लान के मुताबिक 1300 स्क्वेयर फीट के 33 प्लाट, 2250 स्क्वेयर फीट के 30, 3 हजार स्क्वेयर फीट के 27 प्लाट, 4500 स्क्वेयर फीट के 62 प्लाट, 7 हजार स्क्वेयर फीट के 34 प्लाट विकसित किए जाएंगे। इनकी कीमत का निर्धारण अभी नहीं हुआ, लेकिन कलेक्टर गाइड लाइन के आसपास ही कीमत हो सकती है। ग्रीनरी का विशेष ध्यान रखा
हाउसिंग बोर्ड के डिप्टी कमिश्नर एमके साहू ने बताया, सफायर पार्क सिटी में हाउसिंग बोर्ड द्वारा राष्ट्रीय स्तर की कॉलोनी विकसित करने की योजना है। आधुनिक सुविधाओं के साथ पर्यावरण के लिए ग्रीनरी का विशेष ध्यान रखा गया है। प्रोजेक्ट को हाल ही में नगर निगम से डेवलेपमेंट परमिशन मिली है। अब बोर्ड इसके विक्रय के लिए रेरा की अनुमति को भेजेगा। रेरा से अनुमति मिलने के बाद इसकी बुकिंग शुरू कर दी जाएगी।