पूरे देश में गर्ल्स एजुकेशन पर फोकस किया जा रहा है। इंदौर में जहां 8 गर्ल्स कॉलेज है, वहीं भोपाल में पॉलीटेक्निक को मिलाकर 11 गर्ल्स कॉलेज हैं। 10 गर्ल्स कॉलेज उच्च शिक्षा विभाग के और पॉलीटेक्निक तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत आता है। इन 11 कॉलेजों में छात्राओं की संख्या 28 हजार से ज्यादा है। प्रोफेसर्स बताते हैं कि पिछले कुछ समय में निर्धन वर्ग के अभिभावकों में भी लड़कियों की शिक्षा को लेकर काफी जागरुकता आई है। पिछले कुछ सालों में छात्राओं में परंपरागत कोर्स से हटकर वोकेशनल कोर्सेस में रुचि बढ़ी है, ताकि वे कॉलेज से निकलते ही सेल्फ डिपेंड हो सकें। इसके अलावा बीए में इतिहास, लोक प्रशासन और गणित में रुचि बढ़ी है। वे ऑडियो एंड साउंड इंजीनियरिंग जैसे सर्टिफिकेट कोर्स भी कर रही हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं में छात्राओं की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। कॉलेजों में भी इस लिहाज से छात्राओं की पढ़ाई कराई जाती है। सरोजिनी नायडू शासकीय स्नातकोत्तर (स्वशासी) कन्या महाविद्यालय (नूतन गर्ल्स) और महारानी लक्ष्मीबाई कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में प्रदेश के विभिन्न शहरों से छात्राएं प्रवेश लेकर पढ़ाई करने भोपाल आती हैं। इनके अलावा गीतांजलि शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, श्री सत्य साईं गर्ल्स कॉलेज फॉर वुमन, संत हिरदाराम गर्ल्स कॉलेज, संत हिरदाराम इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट फॉर वुमन, सरदार अजीत सिंह मेमोरियल गर्ल्स कॉलेज, पंडित दीनदयाल उपाध्याय गर्ल्स कॉलेज, कस्तूरबा गर्ल्स कॉलेज, आनंद विहार कॉलेज फॉर वुमन के अलावा डिप्लोमा इंजीनियरिंग सहित विभिन्न डिप्लोमा कोर्स के लिए महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज भी संचालित हो रहा है। नूतन, एमएलबी और गीतांजलि में शुरू हुआ बीएससी एग्रीकल्चर सरोजिनी नायडू कॉलेज, महारानी लक्ष्मीबाई कॉलेज और गीतांजलि कॉलेज में नए सत्र से बीएससी एग्रीकल्चर कोर्स शुरू किया गया है। सभी कॉलेज में 50 सीटें हैं। इस कोर्स के माध्यम से छात्राएं भी एग्रीकल्चर से जुड़ेंगी। जिनका परिवार खेती से जुड़ा है, वे इस कोर्स के जरिए खेती करने के नए तरीके, व्यावसायिक खेती, नए समर्थन मूल्यों की जानकारी और ऑर्गेनिक खेती को जानेंगी और अपने परिवार को लाभान्वित कर सकेंगी। शासन का यह कोर्स और प्रयोग सफल रहा तो आने वाले समय में दूसरे कॉलेजों में भी इसे शुरू किया जाएगा। कॉलेज प्रबंधन किसानों से एमओयू कर रहे हैं, ताकि इन छात्राओं को प्रैक्टिकल नॉलेज मिल सके। कॉलेजों में शुरू हुए लीगल एड सेल इन गर्ल्स कॉलेज में कानूनी जागरूकता के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, भोपाल के सहयोग से लीगल एड क्लीनिक भी शुरू किए गए हैं। यहां छात्राओं को कानून की जानकारी और सलाह देने के लिए लीगल एडवाइजर भी हैं। कुछ कॉलेज में इनेबलिंग यूनिट भी विशेष पहल है जो दिव्यांग छात्राओं को सशक्त बनाती है। आइडिया और इनोवेशन को प्रमोट कर रहे इन्क्यूबेशन सेंटर गर्ल्स कॉलेज में इन्क्यूबेशन सेंटर भी शुरू किए गए हैं। छात्राओं में स्टार्टअप के प्रति रुचि जगाने, बिजनेस आइडिया से लेकर उसको प्रेजेंट करने और फंडिंग लेने तक की पूरी जानकारी एक्सपर्ट इन्क्यूबेशन सेंटर में देते हैं। भोपाल विमेंस पॉलिटेक्निक में प्रदेश का पहला सिल्क स्टूडियो स्थापित हुआ है, जो सिल्क एम्ब्रायडरी के क्षेत्र में इनोवेशन को प्रमोट करेगा। गीतांजलि पहला गर्ल्स कॉलेज है, जहां एमसीए शुरू किया गया था।