बांग्लादेश में भारतीयों के साथ हो रहा है अत्याचार:हिन्दू सेवा परिषद ने निकाली विशाल मशाल यात्रा,अवैध घुसपैठियों को भगाने की मांग

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बांग्लादेश में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद से ही वहां पर हिंदुओं के साथ अत्याचार बढ़ रहा है, युवतियों और किशोरियों को टारगेट किया जा रहा है। जिसको लेकर भारत में आक्रोश पनप रहा है। मध्यप्रदेश की संस्कारधानी में भारत को अखंड हिन्दू राष्ट्र बनाने और बांग्लादेश में हो रहे अत्याचार के विरोध में हिन्दू सेवा परिषद ने मंगलवार की रात को एक विशाल रैली निकाली और कलेक्टर के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि जबलपुर के कई क्षेत्रों में अवैध रूप से घुसपैठ कर बांग्लादेशी लोग रह रहे है, जिस पर की कार्रवाई की जाए। हिन्दू सेवा परिषद की मशाल यात्रा में जगतगुरू राघव देवाचार्य भी शामिल हुए। भारत माता चौक से सिद्ध पीठ काली मंदिर तक निकाली गई मशाल यात्रा में सैकड़ों लोग शामिल हुए। बांग्लादेश में भारतीय नागरिक के साथ हो रहे अत्याचार के विरोध में निकाली गई मसाल रैली में शामिल हुए जगत गुरु राघव देवाचार्य ने कहा कि भारत अखंड है, और अखंड ही रहेगा, बांग्लादेश में जो कुछ हुआ है वह ठीक नहीं है। जगतगुरु ने कहा कि यह सैकड़ो मशाल इसलिए जलाई गई है कि अगर आर हमें ललकार रहे है तो हम इसके लिए तैयार है। वहीं हिन्दू सेवा परिषद के अध्यक्ष अतुल जैसवानी ने बताया कि इन दिनों बांग्लादेश में हिन्दू भाइयों पर अत्याचार हो रहा है, उसके विरोध में यह मशाल यात्रा निकाली गई है। हिन्दू सेवा परिषद के अध्यक्ष ने बांग्लादेश की सरकार से कहा है कि हमारे हिंदू भाइयों को परेशान न किया जाए, नहीं तो इसका अंजाम भुगतने को भी तैयार रहे। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो अत्याचार के विरोध में हिन्दू सेवा परिषद के साथ-साथ विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और कई हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं भी शामिल हुए।
अतुल जैसवानी का कहना है कि जबलपुर में भी सालों से अवैध रूप से बांग्लादेशी घुसपैठ कर यहां रह रहे है, और दीमक की तरह देश को खा रहे है, आने वाले समय में देश के लिए यह बहुत बड़ा खतरा है। अतुल जैसवानी का कहना है कि जबलपुर के कई क्षेत्रों में ये बांग्लादेश सालों से रह रहे है, जिस पर जबलपुर पुलिस-प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है। कार्यक्रम में भारत माता की जय की जयकारे लगाए गए एवं युवाओं के द्वारा बांग्लादेश एवं पाकिस्तान के विरोध में भी नारे लगाए गए। बांग्लादेश में हुए अत्याचार को लेकर युवाओं ने इस मशाल को क्रांति का प्रतीक बताते हुए देश विरोधियों को एवं हिंदू धर्म विरोधियों को मुंहतोड़ जवाब देने का संकल्प भी लिया।