लखेरापुरा स्थित श्रीजी मंदिर में हिंडोला महोत्सव मनाया जा रहा है। इसके तहत मंगलवार को प्रभु श्रीनाथ जी काे हरे वस्त्र धारण कराए गए, मस्तक पर किरीट का मुकुट सजाया और माणिक्य आभूषणों से शृंगार किया गया। संध्या काल में प्रभु साग-भाजी के हिंडोले में विराजमान हुए। हिंडोला तैयार करने में 40 किलो हरी सब्जी का उपयोग किया गया। मंदिर के मुखिया श्रीकांत शर्मा ने बताया कि श्रावण मास में हिंडोला उत्सव मनाने की परंपरा है। ऐसी सभी परंपराओं का मंदिर में पूरी तरह से पालन किया जाता है। उन्होंने बताया कि साग-भाजी के हिंडोला सजाने में भिंडी, लौकी, गिलकी, कार्न, तोरई, मिर्ची, बरबटी सहित अनेक सब्जियों का उपयोग किया गया। वैष्णव भक्तों ने सब्जी से कलात्मक झूला तैयार किया और फिर प्रभु को हिंडोले में विराजमान किया गया। इसके बाद ‘राधा मोहन झूलत सुरग हिंडोले’ भजन गाए गए। शर्मा ने बताया कि बुधवार को प्रभु नियम के बगीचे में विराजमान होकर दर्शन देंगे, जिसके तहत मंदिर के आंगन में अनेक लताओं से बगीचे बनाया जाएगा। यह बगीचा सावन शुक्ल नवमी के दिन नियम अनुसार किया जाता है। वहीं गुरुवार को प्रभु कुंज में विराजमान होंगे और शुक्रवार (एकादशी) को प्रभु को सूत एवं रेशम से बनी पौशाक पहनाई जाएगी। पुष्टिमार्ग में इस एकादशी को पवित्र ग्यारस भी कहा जाता है।