पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा ग्राम पंचायत मंजाखेडी के विकास कार्यों के लिए लाखों रुपए की राशि आवंटित की गई थी। हालांकि, अब तक ग्राम विकास के लिए कोई भी निर्माण कार्य सचिव और रोजगार सहायक के द्वारा नहीं कराए गए हैं। आवंटित राशि कहां खर्च की गई है। इस का हिसाब भी ग्रामीणों को नहीं दे रहे हैं। ग्रामीणों के द्वारा रोजगार सहायक और सचिव पर लाखों रुपए की सरकारी राशि हड़पने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को कलेक्ट्रेट में बहुजन मुक्ति पार्टी जिलाध्यक्ष जितेंद्र मालवीय के नेतृत्व में राष्ट्रीय आदिवासी परिषद के पदाधिकारियों कार्यकर्ताओं के साथ निष्पक्ष जांच कराने की मांग को लेकर डिप्टी कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ को ज्ञापन दिया है। भैरूंदा तहसील अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत मंजाखेडीछाप कोरकू टप्पर बाकोट के अनेक आदिवासी ग्रमाीणों ने बताया कि साल-2022 में पूर्व CM शिवराज सिंह चौहान ने ग्राम के विकास के लिए लाखों रुपए की राशि पंचायत के बैंक खाते में दी गई थी। इसके बावजूद अब तक गांव में कोई विकास काम नहीं कराए गए हैं। ग्राम पंचायत की महिला सरपंच के अशिक्षित होने के कारण सचिव, सहायक सचिव रोजगार सहायक बीते सालों से मनमानी कर रहे हैं। इस बारे में अनुविभागीय अधिकारी और मुख्य कार्यपालन अधिकारी भैरूंदा को भी कई बार आवेदन दिया जा चुका है। हालांकि, कोई सुनने को तैयार नहीं है और ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं को भी तरस रहे हैं। ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत में घोटाले करने वाले सरपंच पंचायत सचिव रोजगार सहायक के विरूद्ध नियम अनुसार कड़ी कार्यवाही करने और सरकारी राशि वसूलकर ग्राम विकास में खर्च कराए जाने की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में जनम सिंह परमार ,कन्हैया लाल अंकुर, देवीलाल, विजय सिंह मेवाडा, राजेश, सुनील परते, संतोष राठौर, रामसिंह मीणा, अमृत लाल राम नारायण परत,अनौखीलाल, चतरभुज, देंवेंद्र सिंह, शीला बाई, मिथलेश, हरिओम, अमित, मुकेश आदि ग्रामीणजन शामिल रहे।