एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत हो रहे पौधारोपण के दौरान ग्राम दर्यापुर में एक अजीब मंजर देखने को मिला। दरअसल रविवार को बोदरली से दर्यापुर के बीच करीब 850 पौधों का रोपण किया गया। इसमें ग्रामीणों, विद्यार्थियों, सरकारी अफसर, कर्मचारियों ने भाग लिया। इसी बीच 10 साल का एक बालक नंगे पैर चलकर करीब 8 किमी तक हाथ में फावड़ा लिए सभी के साथ पौधारोपण करता नजर आया। पटवारियों ने यह देखा तो डिप्टी कलेक्टर राजेश पाटीदार को बताया। डिप्टी कलेक्टर ने बालक को सबसे पहले चप्पल पहनवाई, नाश्ता करवाया और फिर पारिवारिक बैकग्राउंड पता करने को कहा। दरअसल बालक किरण पांचाल के माता, पिता नहीं हैं। वह अपने अंकल, आंटी के यहां रहता है। वह रविवार को पौधारोपण कार्यक्रम के दौरान सभी के साथ पौधे रोपित कर रहा था। डिप्टी कलेक्टर ने सहयोग की बात कही। दरअसल किरण पांचाल स्कूल भी नहीं जा पा रहा है उसका एडमिशन इश्यू है। प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है। डिप्टी कलेक्टर राजेश पाटीदार ने तहसीलदार राजेंद्र चौहान को निर्देश दिए कि बालक के प्रमाण पत्र में जो भी परेशानी आ रही है उसे दूर करें। डिप्टी कलेक्टर राजेश पाटीदार ने बताया पटवारियों ने मुझसे कहा कि एक बालक पौधारोपण कर रहा है। वह नंगे पैर है। तब उससे बात की तो पता चला उसके माता-पिता नहीं है। अंकल आंटी के यहां रहता है। प्रमाण पत्र के इश्यू आ रहे हैं इसलिए वह स्कूल भी नहीं जा पा रहा है। पारिवारिक स्थिति ठीक नहीं है। तहसीलदार, पटवारियों से कहा है कि उसकी पारिवारिक स्थिति देखें। घर जाकर सर्वें करें। जो भी समस्या आएगी उसे दूर किया जाएगा। जो डॉक्यूमेंट नहीं हैं वह बनवाए जाएंगे। जिन जिन विभागों से बात करना होगी बात करेंगे। बोदरली का रहने वाला है बालक किरण पांचाल बोदरली का रहने वाला है। शिक्षक संजय राठौड़ के अनुसार उसके पिता भी पर्यावरण प्रेमी थे। वह मेरे साथ श्मशान क्षेत्र में पौधारोपण कराने के लिए आया करते थे। यही गुण उनके बेटे में भी आए। वह बोदरली में श्मशान भूमि के पास अपने अंकल, आंटी के साथ रहता है। उसका पर्यावरण के प्रति प्रेम देखकर डिप्टी कलेक्टर ने उसे अपनी गाड़ी में बैठाया। सहयोग की बात कही। ग्राम पंचायत बोदरली द्वारा भी उसे सहयोग किया जाएगा।