नगरपालिका क्षेत्र में स्वीकृत किए गए प्रधानमंत्री आवास का निर्माण नहीं करने वाले हितग्राहियों को अब कुर्की की कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। नगर पालिका के द्वारा तहसीलदार हरदा को 105 हितग्राहियों की सूची भेज दी है। जिनके द्वारा वर्ष 2017 में पहली किश्त का भुगतान प्राप्त तो कर लिया लेकिन निर्माण शुरू नहीं किया है। नगर पालिका प्रशासन के बार-बार नोटिस देने के बाद भी कार्य प्रारंभ न होने आरआरसी की कार्रवाई करने तहसीलदार को प्रकरण भेज दिए हैं। नगर पालिका के द्वारा आवास निर्माण करने के लिए संबंधितों को नोटिस भी जारी किए लेकिन उनके द्वारा न तो आवासों का निर्माण प्रारंभ किया है और न ही शासन की राशि वापस लौटाना चाह रहे हैं। ऐसे लोगों को शासन के निर्देश पर अब कठोर कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। नगर पालिका ने आवासों का निर्माण नहीं करने वाले सभी हितग्राहियों के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई करने के लिए प्रस्ताव भेजा जा चुका है। सीएमओ कमलेश पाटीदार ने बताया कि नगर पालिका क्षेत्र में वर्ष 2017 में 3844 मकानों की डीपीआर तैयार की गई थी। जिसमें से 105 हितग्राही ऐसे हैं जिन्हें अनेकों बार मकान का काम शुरू करने एवं ना करने की दशा में राशि वापस करने को नोटिस भेजे गए हैं। लेकिन उनके द्वारा दोनों ही तरह के नोटिस को लेकर कोई जवाब नहीं दिया गया है। इसलिए अब सभी हितग्राहियों की संपत्ति को कुर्क कर राशि की वसूली की जाएगी। उन्होंने बताया कि अब भविष्य में भी इन सभी हितग्राहियों को पीएम आवास या नगर पालिका की अन्य योजनाओं का लाभ नहीं दिया जाएगा। सीएमओ पाटीदार ने बताया कि दूसरी डीपीआर में स्वीकृत 370 में से 13, तीसरी डीपीआर में 1586 में से 82 एवं चौथी में 995 में से 110 हितग्राहियों ने दो दो किस्त लेने के बाद भी मकान का काम पूरा नहीं किया है। अगले चरण में इन तीनों डीपीआर के 192 हितग्राहियों की संपत्ति की कुर्की की कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि शासन स्तर से नगर पालिका को यह आदेश मिला है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिन लोगों ने राशि शासन से प्राप्त करने के बाद भी आवासों का निर्माण नहीं किया गया है। उनके पास चल-अचल संपत्ति ना होने पर प्लाट को ही कुर्क करने की कार्रवाई कर शासन से स्वीकृत की गई एक लाख रुपए की राशि वसूल की जाए।