श्योपुर जिले में चंबल नदी के किनारे मवेशी चराते समय एक 15 वर्षीय किशोर के हाथ को मगरमच्छ ने अपने जबड़े में जकड़ लिया। किशोर ने पूरी ताकत लगाकर खुद को छुड़ाने का प्रयास किया, तो मगरमच्छ ने उसके पैर और कमर के पिछले हिस्से पर हमला कर दिया। इस दौरान करीब 5 मिनट तक मगरमच्छ और किशोर के बीत संघर्ष चला। किशोर ने दूसरे हाथ की उंगलियों से मगरमच्छ की आंखों पर वार किया। इसके बाद मगरमच्छ उसे छोड़कर नदी के अंदर चला गया, घायल युवक को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मामला रघुनाथपुर थाना इलाके के पिपरानी गांव के पास चंबल नदी का है। जहां रविवार को मगरमच्छ ने निहाल पिता अमर सिंह रावत (15) पर हमला कर दिया। मगरमच्छ के हमले से निहाल का एक हाथ दो जगह से फ्रैक्चर हो गया। वहीं उसकी कमर के पिछले हिस्से और पैर में भी चोट आई है। जिला अस्पताल में उसका इलाज जारी है। 5 मिनट तक चला संघर्ष घायल निहाल रावत ने बताया कि रविवार को वह चंबल नदी के किनारे मवेशी चराने गया था। इस दौरान उसे प्यास लगी तो वह पानी पीने के लिए चंबल नदी के पास गया। इस दौरान जैसे ही उसने अपना हाथ नदी में डाला, वहां पहले से मौजूद मगरमच्छ ने उसका हाथ अपने जबड़े में जकड़ लिया। निहाल ने बताया कि मगरमच्छ से करीब 5 मिनट तक उसका संघर्ष चला। जहां मगरमच्छ ने उसे पकड़ा, वहां पानी कम था। इस वजह से उसने बचने के लिए पूरी ताकत लगा दी। बाद में उसने मगरमच्छ की आंख पर उंगलियों से वार किया, जिससे वह उसे छोड़ कर पानी में चला गया। हाथ हुआ फ्रैक्चर, कमर में भी आई चाेट जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ दिलीप सिंह सिकरवार ने बताया कि मगरमच्छ के हमले में घायल हुए किशोर का उपचार चल रहा है। उसे 50 नंबर वार्ड में भर्ती किया है। उसका एक हाथ दो जगह से फ्रैक्चर हुआ है, वहीं कमर के पिछले हिस्से और पैर में भी चोट आई है। उसकी हालत अब खतरे से बाहर है। चंबल नदी राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य का प्रतिबंधित क्षेत्र वहीं चंबल अभ्यारण्य विभाग के अधीक्षक योगेंद्र पारदे ने बताया कि चंबल नदी राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य विभाग का प्रतिबंधित क्षेत्र है। नदी में घड़ियाल और मगरमच्छ की संख्या भी बहुत हैं। लोगों को इस तरह से नदी में नहीं जाना चाहिए।