जो अपने मान के प्रति सजग होता है, वह दूसरे के मान की भी चिंता करता है। यदि आप अपने जीवन के प्रति सजग होंगे तो आलोचना एवं अपमानजनक शब्दों को संबोधित नहीं करेंगे। उक्त विचार आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के शिष्य मुनिश्री प्रमाण सागर महाराज ने रविवार को रेसकोर्स रोड़ स्थित अभय प्रशाल में सभी श्रावक-श्राविकाओं को प्रवचनों की अमृत वर्षा करते हुए व्यक्त किए। महाराज जी ने प्रवचनों में कहा कि यदि आप अपने परिवार में, मित्रों में, अपने आफिस में कभी भी आदेशात्मक या अपमान जनक शब्दों का प्रयोग मत कीजिए, चाहे फिर वह आपका सेवक ही क्यों न हो, उसे भी आदर-सम्मान दीजिए। किसी को रिजेक्ट मत कीजिए, यदि कभी उससे गलती हो जाए तो उसकी आलोचना न करते हुए उसे समझाईश देंगे तो उसके परिणाम सकारात्मक रूप से सामने आऐंगे। हमारी सोच ही हमारी प्रवत्ति को दर्शाति है, हमारी जो प्रवृत्ति होती है, वही हमारे वचनों से निकलती है। यजीवन के प्रति सजग रहे किसी की आलोचना व अपमान नहीं करें- मुनिश्री प्रमाण सागर हमारे विचार सकारात्मक है, तो उसका प्रभाव उसकी बोली और भाषा तथा उसके व्यक्तित्व पर पड़ता है। कुरल काव्य के अनुसार यदि कोई व्यक्ति अपने मुख से लगातार अपशब्द निकाल रहा है तो वह वैचारिक रूप से बहुत ही दरिद्र है। ऐसे व्यक्ति की संगति से बचना चाहिए। यदि आप में भी यह आदत है तो अपने जीवन व्यवहार को बदलना चाहिए। यदि आप अपने सेवक से भी मधुर वाणी का उपयोग करेंगे तो देखना उसके सु:खद परिणाम सामने आऐंगे। जब आप सामने वाले का मूल्यांकन करेंगे और उसको सम्मान देंगे तो वह आपकी प्रशंसा करेगा। शंका समाधान के समय मुनिश्री के चरणों में मध्य प्रदेश कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, डी के जैन 78 प्रिंसीपाल टोंग्या ने भी आशीर्वाद प्राप्त किया। तीन दिवसीय जैनत्व संस्कार शिविर का शुभारंभ धर्म प्रभावना समिति नवीन- हर्ष-आनंद गोधा ने बताया कि जंजीर वाला चौराहा स्थित मोजीवन के प्रति सजग रहे किसी की आलोचना व अपमान नहीं करें- मुनिश्री प्रमाण सागरहता भवन में रविवार को सभी क्रियाओं का लाभ मुकेश-विजय पाटौदी परिवार को प्राप्त हुआ। वहीं तीन दिवसीय जैनत्व संस्कार शिविर का शुभारंभ भी हुआ। जिसमें मुनिश्री निर्वेग सागर महाराज एवं मुनिश्री संघान सागर महाराज ने सुबह छोटे-छोटे बच्चों को देवदर्शन एवं अभिषेक विधि को बच्चों को बच्चों की भाषा में हंसते-मुस्कराते हुए आचार्य माघनंदी का अभिषेक पाठ किस तरह करें किया जाता हैं उसको विस्तार पूर्वक बताया। राष्ट्रीय प्रवक्ता अविनाश जैन ने बताया कि सुबह 7 बजे से आचार्य भक्ति, 7.30 बजे से अभिषेक एवं शांतिधारा, 8.30 से 9.30 तक दिव्यदेशना (अभयप्रशाल) में 11. 45 पर इर्यापथ भक्ति, दोपहर 3 से 4 बजे तक गोम्मटसार एवं समयसार की कक्षा चातुर्मास स्थल पर लग रही है। वहीं सांयकाल 6 से 7 बजे तक शंका समाधान अभय प्रशाल में संपन्न हो रहा है। विश्वप्रसिद्ध शंका समाधान का लाभ प्रमाणिक एप के माध्यम से और पारस जिनवाणी चैनल के माध्यम से लाभ उठा सकते है। प्रवचन के दौरान समिति अध्यक्ष अशोक दोषी, कार्याध्यक्ष धर्मेंद्र जैन (सिनकेम), मनोज बाकलीवाल, जैनेंश झांझरी, रितेश पाटनी, विनय छजलानी, अश्विनी मेहता सहित बड़ी संख्या में समग्र जैन समाज बंधु उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन ब्रह्मचारी अभय भैय्या द्वारा किया गया।