नर्मदापुरम रेलवे स्टेशन पर जीटी एक्सप्रेस ट्रेन से रविवार शाम को उतारे किसान संगठन के पदाधिकारी व किसानों को रात 4.30 बजे वापस तमिलनाडु के लिए रवाना कर दिया गया। जीटी एक्सप्रेस में स्पेशल कोच लगाकर सभी 65 किसान संगठन को तमिलनाडु भेजा गया। उन्हें रवाना करने के दौरान 4.30 बजे रेलवे स्टेशन पर छावनी बना रहा। तमिलनाडु के नेशनल साउथ इंडियन रिवर इंटरलिंकिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष अय्याकन्नू करीब 100 से ज्यादा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ दिल्ली जा रहे थे। दल में 15 महिलाएं भी हैं। तमिलनाडु को कावेरी नदी का पानी दिए जाने की मांग को लेकर किसान नेता दिल्ली जा रहे थे। ऐसी सूचना थी कि ये किसान संगठन दिल्ली में जंतर-मंतर पर आंदोलन कर सकता है। ऐसा इनपुट दिल्ली से मिलने के बाद दिल्ली पुलिस सिविल ड्रेस में यात्री बनकर जीटी एक्सप्रेस में ही ट्रेन में बैठी। दिल्ली पुलिस चेन्नई से इनका पीछा कर रही थी। किसान नेता और कार्यकर्ता 27 जुलाई को 12615 जीटी एक्सप्रेस से दिल्ली के लिए रवाना हुए थे। रविवार को नर्मदापुरम में दिल्ली से मिले इनपुट के आधार पर सभी को उतारा गया। ट्रेन के रेलवे स्टेशन आने के पहले नर्मदापुरम रेलवे स्टेशन को छावनी में तब्दील हाे गया। 400 से ज्यादा जिला पुलिस, आरपीएफ, जीआरपी, आरपीएसएफ समेत आईबी, एसबी के अधिकारी व जवान तैनात हो गए। ट्रेन में इटारसी से ही हर कोच में जीआरपी, जिला पुलिस के जवान सिविल ड्रेस में तैनात थे। जैसे ही ट्रेन नर्मदापुरम रेलवे स्टेशन पहुंची। पुलिस जवानों ने ट्रेन को घेर लिया। किसान संगठन अध्यक्ष अय्याकन्नू ने कहा हमें क्यों उतारा जा रहा ट्रेन के कोच में जाकर नेशनल साउथ इंडियन रिवर इंटरलिंकिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष अय्याकन्नू से पुलिस अधिकारियों ने बातचीत की। उन्हें प्लेटफार्म पर उतारकर उनसे बातचीत की। एएसपी आशुतोष मिश्रा ने अध्यक्ष से कहा हम आपको बीएनएस धारा 172 के तहत कस्टडी में लेंगे, क्या आप हमारे साथ चलने के लिए तैयार है। अध्यक्ष अय्याकन्नू ने इससे पहले हम मीडिया से बात करेंगे। अध्यक्ष अय्याकन्नू ने मीडिया के माध्यम से कहा कि पुलिस लॉ एंड ऑर्डर का हवाला दे रही है, लेकिन पुलिस ये तो बताए कि हमारे लोगों ने किया क्या है? पुलिस हिरासत में लेना चाहती है, जबकि एसोसिएशन के सदस्य थाने जाकर अपनी शिकायत दर्ज कराना चाहते हैं। सिटी मजिस्ट्रेट बोले, यात्रियों को उतारने का मैसेज था नर्मदापुरम रेलवे स्टेशन पूरा छावनी में तब्दील हो गया था। सिटी मजिस्ट्रेट असवनराम चिरामन, तहसीलदार, नायब तहसीलदार के साथ मौके पर पहुंचे थे। करीब 70 मिनट ट्रेन खड़ी रही। 65 किसानों महिला-पुरुष, बुजुर्गों को ट्रेन से उतारकर हिरासत में लिया जाता, उन्हें बस से निजी गार्डन भिजवाया गया। यह सब सिटी मजिस्ट्रेट के समक्ष होता है, बावजूद सिटी मजिस्ट्रेट को ट्रेन से उतारे लोग कौन है, इसकी उन्हें जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि हमें केवल ट्रेन से कुछ यात्रियों को उतारकर श्रीकुंज गार्डन पहुंचाने का मैसेज मिला था। जो काम हमने किया। पूरी कार्रवाई की दिल्ली से मॉनिटरिंग होने से स्थानीय अधिकारी कुछ भी क्लियर करने से बचते रहे।