खरगोन जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर सतपुड़ा स्थित सिरवेल महादेव मंदिर में श्रावण माह में निमाड़ सहित महाराष्ट्र के शिवभक्त उमड़ रहे हैं। यहां कुंदा नदी का 40 फीट ऊंचा प्राकृतिक झरना श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहा है। यहां खरगोन जिले के अलावा पड़ोसी महाराष्ट्र से भी श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। सतपुड़ा स्थित प्राकृतिक गुफा में महादेव विराजमान हैं। यहां शिवभक्त सीढ़ियों के सहारे चढ़कर गुफा में विराजित महादेव के दर्शन पूजा करते हैं। मनोरम झरने को देख पर्यटक धार्मिक पर्यटन यात्रा पूरी करते हैं। बता दें, यहीं से कुंदा नदी का उद्गम हुआ है। मंदिर व झरने क्षेत्र पहुंचाने के दुर्गम रास्ते
सिरवेल मंदिर व झरना क्षेत्र तक पहुंचने के दुर्गम रास्ते हैं। कोई खास सुविधा उपलब्ध नहीं हैं। इस स्थान को शासन ने पर्यटन स्थल के रूप में चिह्नित किया है, लेकिन यहां अच्छे इंतजाम श्रद्धालुओं के लिए नही हैं। शाम तक ही उन्हें लौटना होता है। कठिनाई से प्राकृतिक शिवलिंग के गुफा क्षेत्र व झरना क्षेत्र में पहुंचना पड़ता है। सिरवेल महादेव मंदिर व्यवस्थापक महंत संतोष दास महाराज ने बताया कि श्रावण में महादेव दर्शन के लिए भक्त पहुंच रहे हैं। यह स्थान पवित्र स्थानों में से एक हैं। महाराष्ट्र से भी बड़ी संख्या में शिव भक्त पहुंच रहे हैं। उदासीन नया पंचायती अखाड़े के बालकदास महाराज ने बताया कि श्रावण में महादेव का विशेष पूजन चल रहा हैं। पौराणिक कथाओं में इस स्थान का महत्व हैं। किंवदंती, रावण ने चढ़ाए थे शीश
किंवदंती है कि यह स्थान महादेव की तपोस्थली रहा है। यहां रावण ने कठिन तप कर महादेव को प्रसन्न करने के लिए अपने शीश चढ़ाए थे। इसी वजह से इस क्षेत्र का सिरवेल नाम पड़ा। पहले इसे श्रीवेली भी कहा जाता था।