शनिवार से शुरू हुई रिमझिम व तेज बारिश रविवार को भी जारी रही। सुबह से शुरू झमाझम बारिश के चलते देखते ही देखते ही दोपहर तक आधे शहर की सड़कों को पानी में डूबाे दिया। बारिश के चलते कई जगहों पर जलभराव की स्थिति बन गई, कई स्कूल परिसर तालाब बन गए, कई सड़कों व गलियों में घुटने-घुटने तक पानी भरा गया। कई क्षेत्रों में तो वाहन पानी में फंसने से बंद तक हो गए। ऐसे हालातों में निचली बस्तियों में पानी भराने से यहां रहने वाले लोगों की मुसीबतें ज्यादा बढ़ गई। कई क्षेत्रों में रहवासियों के घरों तक पानी आ गया। इन सबके बीच नगर निगम द्वारा चलाया नाली-नालों की सफाई अभियान का सच सामने आ गया। निगम की सफाई के बाद भी बारिश के कुछ घंटों में ही शहर के लगभग सभी नाले-नालियों का पानी सड़कों पर भरा गया। यहां जलभराव, पेड़ भी गिरे दशहरा मैदान कॉलोनी, नेहरू कॉलोनी, ढांचा भवन, नलिया बाखल, नगारची बाखल, जिला चिकित्सालय, क्षीरसागर, कोतवाली थाना क्षेत्र, कंठाल, नई सड़क, तोपखाना, लोहे का पुल, खंडार मौहल्ला, हनुमान नाका, गदा पुलिया आदि क्षेत्रों में पानी के कारण जलभराव रहा। विक्रम विवि परिसर स्थित कालिदास होस्टल के पीछे बिजली गिरने से सालों पुराना पेड़ गिर गया। तेज बारिश के कारण राजस्व कॉलोनी में पेड़ गिर गया। चामुंडा चौराहे पर फिर पानी भराया बारिश के चलते चामुंडा माता चौराहे पर चारों तरफ पानी ही पानी नजर आया, यहां से निकलने वाले वाहन चालक जलभराव के कारण परेशान नजर आए। प्रशासन को जलभराव की स्थिति के बारे में खबर प्रकाशित कर बताया था। दरअसल नाले पर अवैध अतिक्रमण सालों से हो रहा है, जिसके चलते जलभराव की स्थिति बनती है और अब तो दुकानदार इस नाले पर अवैध निर्माण कर नाली बना रहे हैं। इसके बाद भी प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे बारिश में जनता परेशान रहती है। गंभीर डेम में अब भी पर्याप्त पानी नहीं, एक दिन छोड़कर ही होगा जलप्रदाय शहर में अब भी एक दिन छोड़कर ही जलप्रदाय हो पाएगा। रविवार को हुई बारिश के बाद आसार थे कि शहर की जलप्रदाय व्यवस्था में सुधार हो सकता है, लेकिन शहर में शाम 5 बजे तक 69.4 मिमी हुई बारिश के बाद भी गंभीर डेम का जल स्तर पर्याप्त नहीं बढ़ पाया। गंभीर डेम में रविवार तक केवल 408 एमसीएफटी पानी है, जो कि नियमित जलप्रदाय के लिए पर्याप्त नहीं है। जलकार्य विभाग प्रभारी प्रकाश शर्मा ने बताया जब तक गंभीर में पानी का लेवल नहीं बढ़ता, गेट नहीं खोले जाते, तब तक नियमित जलप्रदाय नहीं हो पाएगा।