माइक्रो-फाइनेंस कंपनियां के खिलाफ सामने आए सभी दलों के जनप्रतिनिधि:बोले- लोन की किस्त नहीं भरी तो बकरी और सिलाई मशीन बेचने का कहते हैं

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माइक्रो फाइनेंस कंपनियों ने शहर की महिलाओं को छोटे छोटे लोन दे रहे हैं। हालांकि, इन दिनों पावर लूम की स्थिति खराब है। यहां पर ज्यादातर महिलाएं पावर-लूम व्यवसाय, बीड़ी बनाने के व्यवसाय से जुड़ी या उनके परिवार की महिलाएं हैं। उनसे राशि की वसूली के लिए माइक्रो फाइनेंस कंपनियां दबाव बना रही है। अभद्र व्यवहार किया जा रहा है। इसे लेकर पिछले दिनों महिलाओं ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर विरोध दर्ज कराया था तो वहीं शनिवार दोपहर राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि महिलाओं के समर्थन में आगे आए हैं। कांग्रेस, भाजपा, एआईएमआईएम के प्रतिनिधियों ने वसूली 6 माह के लिए स्थगित करने की मांग की है। उन्होंने कहा महिलाओं पर वसूली के लिए दबाव बनाया जाता है। कभी बकरी तो कभी सिलाई मशीन बेचकर किस्त अदा करने को कहा जाता है। राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों का कहना है कि जिले में संचालित माइक्रो फाइनेंस कंपनियां पहले समूह लोन के नाम पर महिलाओं को बहकाती है और फिर जब कर्ज चढ़ने पर अनपढ़ महिलाएं ब्याज और कर्ज अदा नहीं कर पाती तो उन्हें परेशान किया जाता है। यहां तक की उनके साथ अभद्र व्यवहार तक किया जाता है। इससे सैकड़ों की संख्या में महिलाएं परेशान है। महिलाओं को समूह लोन के माध्यम से कर्ज के जाल में फंसाया गया है। यह बोले जनप्रतिनिधि