इंदौर के विजयनगर पुलिस ने गेमिंग और एडवाइजरी के रुपए ट्रांसफर कराने वाली गैंग के दो लोगों को पकड़ा है। आरोपियों से पूछताछ में राजस्थान से कनेक्शन मिला है। आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने राजस्थान से गैंग के सरगना को पकड़ा है। आरोपी जरुरतमंद लोगों के अकाउंट नंबर गैंग को देकर गेमिंग और एडवाइजरी का पैसा ट्रांसफर कराते थे। विजय नगर पुलिस ने आरोपी रवि वर्मा, मयंक, अनस अहमद निवासी भोपाल, विदु भारद्वाज, सोनू बाली उर्फ कृष्णपाल वर्मा को पकड़ा था। आरोपियों से जानकारी मिली थी कि वह फर्जी अकाउंट्स में गेमिंग और एडवाइजरी के रुपए ट्रांसफर करते हैं। पुलिस ने रिमांड लेकर पूछताछ की तो पता चला कि उनकी गैंग का एक मुख्य साथी प्रकाश उर्फ भूरा सुतार है। जो राजस्थान का रहने वाला है। आरोपी छत्तीसगढ़ और अन्य प्रदेशों से जरुरतमंदों के अकाउंट नंबर अपने साथियों को देता था। इन खातों में करोड़ों का लेनदेन किया जाता था। ऐसे अकाउंट में अब तक सौ करोड़ का ट्रांजेक्शन पुलिस ने इस मामले में भूरा के साथ सुनील उर्फ सोनू पिता राधेश्याम शर्मा को भी पकड़ लिया है। पुलिस को अब तक अकाउंट्स से 18 करोड़ के लेनदेन की जानकारी मिली है। विजय नगर पुलिस का दावा है कि आरोपियों ने अभी तक ऐसे मामलों में सौ करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन किया है। पुलिस को जांच में पता चला कि इस पूरी गैंग को निक्की उर्फ नितिन शर्मा और उसके साथी संचालित करते थे। प्रकाश उर्फ भूरा उसके लिए ही काम करता है। जामतारा की स्टाइल में काम करती है पूरी गैंग बताया जाता है कि उक्त गैंग राजस्थान के प्रतापगढ़ और फतेहपुर में सक्रिय है। जो जामतारा की स्टाइल में काम करती है। हालांकि पहली बार इस तरह की गैंग का टीम ने पर्दाफाश किया है। यह इंदौर में पहला ऐसा मामला है।अरोपी दुबई और चायना के रास्ते रुपए का हेरफेर कर अकाउंट में ट्रांसफर कराते थे।