लैब टेक्नीशियन की इलाज के दौरान मौत:डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप, परिजन बोले- बुलाने के बाद 10 घंटे तक नहीं पहुंचा डॉक्टर

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छतरपुर में नर्मदा अस्पताल से टीकमगढ़ अस्पताल में पदस्थ लैब टेक्नीशियन की मौत का मामला सामने आया है। लैब टेक्नीशियन गुरुवार को पथरी के ऑपरेशन के लिए अस्पताल में भर्ती हुआ था, शुक्रवार की दोपहर में उसका ऑपरेशन हुआ उसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई। कई बार परिजन ने डॉक्टर को कॉल किया लेकिन डॉक्टर 10 घंटे बाद शनिवार की रात अस्पताल पहुंचा इसके कुछ समय बाद ही व्यक्ति की मौत हो गई। शनिवार की सुबह जिला अस्पताल चौकी पुलिस ने मृतक का पंचनामा बनाया और बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए मॉर्चुरी भेज दिया, जहां उसका पोस्टमॉर्टम किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार बाली पिता लखन अहिरवार उम्र 38 साल निवासी टीकमगढ़ जिला के ओमनगर कॉलोनी में रहने वाला है। वह गुरुवार की दोपहर 2 बजे ट्रेन से छतरपुर के नर्मदा अस्पताल में पथरी का इलाज करने के लिए आया था। अस्पताल स्टाफ ने ऑपरेशन के नाम पर 50 हजार रुपए मांगे थे। परिजन ने ऑपरेशन के बाद पैसे देने की बात कह कर 12 हजार 500 रुपए जमा कर दिए थे। आईसीयू में भर्ती किया गया
शनिवार की दोपहर 2 बजे उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद से ही व्यक्ति की हालत बिगड़ी उसे आईसीयू में भर्ती किया गया। उसके बाद कई बार डॉक्टर को कॉल करके बुलाने का प्रयास किया लेकिन डॉक्टर ने कहा नॉर्मल है सब ठीक हो जाएगा। परिजनों ने कहा कि अगर हालत खराब है तो उनके मरीज को रेफर कर दीजिए। लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने एक नहीं सुनी रात में 12:00 बजे डॉक्टर अस्पताल में पहुंचे तब तक उसकी हालत ज्यादा बिगड़ चुकी थी। डॉक्टर ने परिजन से कहा सब ठीक है, लेकिन 2 घंटे बाद 2:00 बजे डॉक्टर ने परिजन को उसकी मौत की खबर दी। डॉक्टर ने इलाज के पर्चे देने से मना किया
परिजन ने नाराज होकर अस्पताल में हंगामा कर दिया और डॉक्टर से इलाज के पर्चे मांगे लेकिन डॉक्टर ने देने से मना कर दिया और मौके से चले गए। इसके बाद परिजन सुबह जिला अस्पताल बॉडी लेकर पहुंचे और उन्होंने जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया और बॉडी लेकर घर चले गए। छोटे भाई रामकिशन ने बताया कि डॉक्टर की इलाज में लापरवाही से भाई की मौत हुई है। भाई टीकमगढ़ अस्पताल में लैब टेक्नीशियन के पद पर पदस्थ था उसके पेट में पथरी थी इलाज करने के लिए नर्मदा अस्पताल में आया था। डॉक्टर ने कहा सब ठीक है
35 हजार में इलाज की बात हुई थी हम लोगों ने साढ़े 12 हजार रुपए जमा भी कर दिए थे, कल दोपहर में ऑपरेशन हुआ भाई की तबीयत बिगड़ी कई बार डॉक्टर से आने की बात कही। स्टाफ ने भी फोन लगाया लेकिन डॉक्टर रात में 12:00 बजे पहुंचे। डॉक्टर ने कहा सब ठीक है कुछ समय बाद डॉक्टर ने भाई की मौत की खबर सुना दी। मृतक के साले विमलेश अहिरवार ने बताया कि डॉक्टर ने जितने पैसे मांगे उतने पैसे देने की हम लोगों ने बात की हमारे जीजा भी सरकारी अस्पताल में डॉक्टर थे लेकिन डॉक्टर ने उनके इलाज में लापरवाही की उनका बीपी घट रहा था उन्होंने कहा कि डॉक्टर को बुला दो हम लोगों ने अस्पताल में मौजूद स्टाफ से कई बार डॉक्टर को बुलाने के लिए कहा लेकिन 10 घंटे बाद डॉक्टर आया कुछ समय बाद उनकी मौत हो गई इस संबंध में जब सीएमएचओ आर पी गुप्ता से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कहा कि मैं मीटिंग में हूं बाद में बात करता हूं।