इंदौर क्राइम ब्रांच ने लाखों रुपए की ठगी के मामले में प्रकरण दर्ज किया है। आरोपियों ने इंदौर के एक बिजनेसमैन के साथ दिल्ली से कॉल कर ठगी की। कई अकाउंट में रूपए ट्रांसफर कराए है। क्राइम ब्रांच ने अकाउंट होल्डरों की धर पकड़ के लिए टीमें बनाई है। टीमें उन्हें पकड़ने प्रदेश से बाहर गई है। मामले में क्राइम ब्रांच की टीम जल्द खुलासा करेगी। क्राइम ब्रांच ने सुशील कुमार श्रीवास्तव की शिकायत पर 47 लाख 70 हजार की धोखाधडी के मामले में कार्रवाई की है। सुशील कुमार ने शिकायत में बताया कि उन्होंने एचडीएफसी का एक्सीडेंटल प्लान लिया था।जिसकी वैल्यू 15 लाख थी। इसकी जरूरत नही थी इस लिए जनवरी 2024 से प्रीमियम नही दी। पॉलिसी में जमा रूपए लेने के लिए उन्होंने एक वेबसाइट में संपर्क किया, जहां से एक टोल फ्री नंबर दिया गया। फरियादी ने दिए गए नंबर पर संपर्क कर पॉलिसी में जमा रुपए वापस लेने की बात कही। लेकिन तब जानकारी नहीं मिली। 30 सितंबर को ठगों ने पहला कॉल किया फरियादी सुशील कुमार के पास 30 सिंतबर को अनजान नंबर से फोन आया। तब कॉलर ने अपना नाम विनीत शुक्ला बताया। फोन पर उन्हें बताया गया कि आपने पॉलिसी पर कोई क्लेम नही लिया और कंपनी के अकाउंट में रूपए देने की बात कही। साथ ही बीमा कंपनी से एनओसी लेने के लिए भी कहा गया। इस पर कंपनी की तरफ से किसी तरह के लेटर नही दिए जाने की बात हुई। तब सुशील ने लोकपाल में शिकायत दर्ज कराने और मामले में जल्द निपटान करने के लिए कहा। इस दौरान ठगों द्वारा सुशील कुमार को बताया गया कि आपका अमाउंट लोकपाल के अधिकृत अकाउंट से किया जाएगा। जिसमें कार्रवाई के बाद बीमा कंपनी हमें पे करेगी। इस दौरान फरियादी ने वरिष्ठ अफसरों को शिकायत भेजने की बात कही। बैंक का जोनल मैनेजर बन एनओसी देने की बात कही 1 अक्टूबर को ठग ने खुद को बैंक का जोनल मैनेजर डीएस मल्होत्रा बताते हुए फरियादी सुशील को फोन किया। उन्होंने कहा कि आपने सीधे लोकपाल में शिकायत कर दी। आपको पहले बीमा कंपनी में बात करना चाहिए थी। अब 44 हजार रुपए ही वापस किए जाएंगे। इस दौरान एक कोड हटाने के लिए कुछ रूपए अकाउंट में डालने की बात कही गई। जिसका भुगतान फरियादी ने किसी नितिन सागर नाम व्यक्ति के कोटक बैंक अकाउंट में किया। 4 दिन बाद अकाउंट वैरिफिकेशन के नाम पर फिर ठग इसके बाद 5 अक्टूबर को किसी रेहजा नाम के व्यक्ति ने फरियादी से संपर्क कर बताया कि 10 लाख से ज्यादा का पेमेंट अकाउंट में किया जाना है। इस लिए दूसरे अकाउंट का नंबर देना होगा। तब सुशील ने एचडीएफसी का अकाउंट नंबर दिया। इसके बाद दोनों बैक अकाउंट के वैरिफिकेशन की बात कही गई। जिसमें बैक पॉलिसी के हिसाब से दोनों अकाउंट में करीब ढाई लाख का पेमेंट मांगा गया। यह अमाउंट बबलू पटेल नाम के व्यक्ति के अकाउंट में डलवाए गए। 8 अक्टूबर को रहेजा ने कॉल कर बताया कि उन्होंने जो पेमेंट डाला वह नही मिला। उन्होंने इसके लिए 3 लाख 49 हजार का पेमेंट दोबारा डालने की बात कही। जो मनोज बाबू के नाम से था। तब सुशील के तरफ से यह अमाउंट भेजा गया। फिर 10 अक्टूबर को रहेजा ने कॉल किया। उसने बताया कि वह बीमा कंपनी से आया है। लेकिन जब तक बीमा कंपनी एनओसी नहीं देगी पेमेंट नही होगा। तब फरियादी सुशील कुमार ने नकली बैंक मैनेजर मल्होत्रा को कॉल कर एनओसी को लेकर चर्चा की। उस वक्त आरोपी ने रहेजा से बात करने की बात कही। इसके कुछ समय बात मल्होत्रा का कॉल आया। उसने कहा कि वह एनओसी देने में असमर्थ है। लेकिन दोबारा प्रॉफिट पॉलिसी बताकर 56 हजार रूपए की मांग की। इस दौरान फिर सुशील कुमार से पेमेंट लिया गया। ठगों ने 8 लाख 87 हजार का भुगतान करने की बात कही। लेकिन इससे पहले 18 प्रतिशत जीएसटी नाम पर फिर से 1 लाख 57 हजार का पेमेंट कर दिया गया। इसके बाद भी आरोपी अलग अलग तरीकों में पेमेंट लेते रहे।