डिजिटल अरेस्ट को लेकर जारी की एडवाइजरी:दतिया एसपी ने बोले- कोई भी कॉल कर अरेस्ट की कहे तो न दे रिस्पॉन्स

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पिछले कुछ दिनों से डिजीटल अरेस्ट करने के नाम पर ठगी करने की वारदात ज्यादा सामने आ रही हैं। आम नागरिकों को किसी इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (पुलिस, सीबीआई, ईडी, एनआईए, कस्टम) एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी के नाम से वॉट्सऐप कॉल करके बड़े पैमाने पर ठगी की जा रही है। डिजीटल अरेस्ट और साइबर ठगी से बचने के लिए दतिया एसपी वीरेंद्र मिश्रा ने गुरुवार को एडवाइजरी जारी की है। उन्होंने बताया कि, साइबर अपराधी कॉल या वॉट्सऐप कॉल के माध्यम से संपर्क करते हैं, यह कॉल अधिकांशतः अन्य देश के कोड नंबर या के अलावा देश के नंबर (+91 के अतिरिक्त) से आते हैं। संदिग्ध व्यक्ति आपको कॉल कर कहते हैं कि, आपके पेन/आधार कार्ड का उपयोग करके पार्सल भेजा गया है, जिसमें नारकोटिक्स (नशीली) सामग्रियां हैं। जालसाज NCB/CID/ED/NIA आदि इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के अधिकारी के नाम से बदल-बदल कर कभी कॉल, कभी वॉट्सऐप विडियो कॉल करते हैं और कहते हैं कि, उन्होंने आपके नाम से एक पार्सल पकड़ा है। जिसमें नारकोटिक्स (नशीली) सामग्रियां हैं। कोर्ट फीस के नाम पर मांगते हैं रुपए जालसाज कभी आपको कोर्ट फीस देने या जमानत देने के नाम से अथवा आपका नाम केस से हटाने के नाम से पैसों की मांग करते है। कभी-कभी वीडियो कॉल पर पुलिस अधिकारी से भी बात करने को कहते हैं। वीडियो कॉल पर रहते हुए आपको एक फर्जी नोटिस दे दिया जाता है। जिसमें आपको डिजिटल अरेस्ट करते हुए घर में ही रहने को कहा जाता है और कहा जाता है कि अपने आप को किसी कमरे में बंद कर लें।उनके सभी सवालों के जवाब दें। यह भी कहा जाता है कि कैमरे के सामने ही रहना है, कमरे में यदि कोई और आया तो आप दोनों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। धीरे-धीरे आपको और अधिक डराया व धमकाया जाता है और आपकी निजी, खाता व विभिन्न इन्वेस्टमेंट की जानकारी आपसे ली जाती है। अंत में यह कहकर शायद आपको गलत फंसा दिया गया है, आप जांच पूरी होने तक अपना पैसा आरबीआई/भारत सरकार के खाते में जमा कर दें, जो जांच पूरी होने के बाद आपको लौटा दिया जाएगा। इस पूरी कार्रवाई के दौरान आपको न ही किसी से संपर्क करने का मौका दिया जाता है, न ही बाहर जाने दिया जाता है, इस प्रकार आपसे मोटी रकम जमा करा ली जाती है। सुरक्षा के लिए इन बातों का रखें ध्यान वॉट्सऐप कॉल कर कोई डिजीटल अरेस्ट का कहे तो, उसे न दें रिस्पॉन्स अनजान लिंक पर क्लिक न करें। फोन पर आया OTP कभी भी शेयर न करें। अगर किसी ने आपके डिवाइस को कंट्रोल कर लिया है और आपको जेल भेजने की धमकी दे रहा है तो घबराएं नहीं, यह साइबर अरेस्ट का प्रयास है। ऐसे मामले की रिपोर्ट तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 या http://cybercrime.gov.in पर करें।