हॉकी एस्ट्रो टर्फ का 20 जनवरी तक पूरा होगा काम:बालाघाट कलेक्टर ने 30 दिसंबर का दिया था समय, ड्रॉइंग के चलते अटका रहा काम

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बालाघाट में बहुप्रतिक्षित हॉकी एस्ट्रो टर्फ मैदान को वक्त लगेगा। हालांकि पिछले 27 नवंबर को निरीक्षण के दौरान कलेक्टर मृणाल मीणा ने मैदान में टर्फ लगाने वाली एजेंसी सिनकॉट कंपनी को 30 दिसंबर तक का समय दिया गया है, लेकिन इस समयावधि पर खेल अधिकारी के अपने तर्क हैं। उनका कहना है कि टेक्निकली समस्या के कारण मैदान में एस्ट्रो टर्फ लगाने का काम 20 जनवरी तक होगा। हालांकि इस अवधि तक भी काम पूरा होगा या नहीं, यह पक्का नहीं है। दरअसल, खेल एवं युवा कल्याण विभाग की इस अधोसंरचना के लिए तत्कालीन सरकार में 7 करोड़ 26 लाख की स्वीकृति मिली थी। जिसकी निर्माण एजेंसी, पुलिस हाउसिंग के पास 3 करोड़ 26 लाख से इसके पवेलियन का काम था। इसमें भी ड्रॉइंग के चलते लंबे समय तक यह काम अटका रहा। जब ड्रॉइंग मिली, तो उसकी भी खामी को सुधारने में समय लगा। इसके बाद पवेलियन का काम पूरा हो सका। खेल एवं युवा कल्याण विभाग के अनुसार नवंबर 2021 में नगरपालिका के हॉकी मैदान के हैंडओवर के बाद इसमें टर्फ बिछाने की शुरुआत की गई थी। 7 करोड़ 26 लाख की लागत से हो रहे काम में 3 करोड़ 26 लाख से पवेलियन का निर्माण और 4 करोड़ रुपए टर्फ में खर्च होने हैं। जिस कार्य को अप्रैल 2023 में पूरा हो जाना था, लेकिन पवेलियन के निर्माण में ठेकेदार के देरी और कच्छप गति से एस्ट्रो टर्फ बिछाने के चलते, यह दिसंबर 2024 में भी पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा। इसके बाद मैदान का कार्य जनवरी 2025 तक पूरे होने की बात कही जा रही है। मैदान को लेकर अधिकारी की जुबानी खेल एवं युवा कल्याण विभाग के अधिकारी कृष्ण कुमार चौरसिया बताते हैं कि मैदान में बिटोमिन का काम पूरा हो गया है, जिस पर रबर के साथ लिक्विड (गोंद जैसा) लगाया जाएगा। उसके बाद टर्फ बिछाने का काम होगा। हमारी टर्फ बिछाने वाली सिनकॉट कंपनी के अधिकारी से चर्चा हुई है, जिसमें उन्होंने 15 जनवरी तक काम पूरा कर देने की बात कही है। दो दिन बाद मैदान के खेलने के लायक होने का सर्टिफिकेशन भी वह हमें दे देंगे। चूंकि टेक्निकल काम है, जल्दबाजी में काम गड़बड़ ना हो जाए, इसलिए समय लग रहा है। संभवतः 20 जनवरी तक काम पूरा हो जाएगा।