शहर के नानाखेड़ी में स्थित केंद्रीय विद्यालय में आज प्राचार्य विनोद कुमार राजोरिया के आतिथ्य में केंद्रीय विद्यालय संगठन का स्थापना दिवस मनाया गया| कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन व माल्यार्पण कर किया गया। इस अवसर पर छात्रों द्वारा सरस्वती वंदना और इसके केंद्रीय विद्यालय गौरव गान गीत गाया। कार्यक्रम में छात्रा तेजस्विनी रघुवंशी कक्षा 11 ने केंद्रीय विद्यालय का इतिहास बताया। साथ ही प्रिय मीना कक्षा 9 ने केंद्रीय विद्यालय संगठन पर बनाई कविता प्रस्तुत की। संगीत शिक्षक वीरेंद्र प्रताप सिंह ठाकुर के मार्गदर्शन में प्राथमिक विभाग के बच्चों द्वारा राजस्थानी लोक नृत्य प्रस्तुत किया। साथ ही माध्यमिक विभाग की छात्राओं ने पंजाबी भांगड़ा और गिद्दा नृत्य की प्रस्तुति दी गईं| अगले चरण में मुख्य अध्यापक विक्रम ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर आधारित केंद्रीय विद्यालय में हो रहे नवाचार, जिनमें कौशल विकास के पाठ्यक्रम पठन पाठन के विकास के लिए किये जा रहे कार्य, प्रयोगशालाओं की सरंचनात्मक सुद्रढ़ता पर जानकारी प्रस्तुत की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विनोद कुमार राजोरिया ने केंद्रीय विद्यालय की उपलब्धियां बताते हुए कहा की यह हमारे देश का एक ऐसा संस्थान है, जहाँ कम से कम फीस में उच्चस्तरीय शिक्षा प्रदान की जाती है। केवीएस, भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त निकाय है, जहाँ बच्चों के सर्वांगीण विकास की नींव आधारित पढ़ाई व विभिन्न क्रियाकलापों का संचालन किया जाता है, जिनमें स्वच्छता, स्वास्थ्य, और कचरा प्रबंधन आदि के लिए कई प्रयास किए जाते हैं। इसके परिणाम स्वरुप स्कूलों को केवीएस राष्ट्रीय प्रोत्साहन पुरस्कार, स्वच्छता पर्यावरण पुरस्कार, ग्रीन स्कूल पुरस्कार, ग्रीन स्कूल ऑडिट, ऊर्जा प्रबंधन पुरस्कार और राजभाषा पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि सभी केन्द्रीय विद्यालयों के लिए सामान्य पाठ्य-पुस्तकें और निर्देशों का द्विभाषी माध्यम होता है सभी केंद्रीय विद्यालय केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबद्ध हैं। सभी केन्द्रीय विद्यालय सह-शैक्षिक, समग्र विद्यालय हैं। यहाँ संस्कृत कक्षा 6 से 8 तक पढ़ाई जाती है। कक्षा में उचित शिक्षक-छात्र अनुपात द्वारा शिक्षण की गुणवत्ता को उच्च रखा जाता है और आठवीं कक्षा तक के लड़कों, बारहवीं कक्षा तक की लड़कियों और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए कोई ट्यूशन शुल्क नहीं है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए पुस्तकालयाध्यक्ष ऋषिकेश भार्गव ने बताया कि सन 1963 में सरकार ने 20 रेजिमेंटल स्कूलों का अधिग्रहण कर सेंट्रल स्कूल की आधारशिला रखी। 1965 में केंद्रीय विद्यालय संगठन के रूप में एक स्वायत्तशासी निकाय का गठन किया गया, जिसका उद्देश्य रक्षाकर्मियों एवं अर्ध सैनिक बलों के कर्मचारियों सहित अखिल भारतीय सेवाओं और देश भर में स्थानांतरित होने वाले केंद्रीय कर्मचारियों के बच्चों की एक समान शिक्षा की आवश्यकता पूरी करने के लिए केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना करना और उसके काम पर नजर रखना था। 5 आंचलिक प्रशिक्षण संस्थान, 25 क्षेत्रीय कार्यालय और 1256 केंद्रीय विद्यालय हैं। भारत के बाहर केन्द्रीय विद्यालय काठमांडू, मास्को व तेहरान में स्थित हैं। केवीएस, भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त निकाय है जिसका उद्देश्य विद्यालयी शिक्षा के क्षेत्र में श्रेष्ठता और गति निर्धारित करना जिसके चेयरमैन केंद्रीय शिक्षा मंत्री होते हैं। प्रतिवर्ष 15 दिसंबर को केंद्रीय विद्यालय अपना स्थापना दिवस मनाता है। आज का यह पर्व 61 वां स्थापना दिवस है। पाठ्य सहगामी गतिविधि संयोजक राजेंद्र सिंगोदिया वरिष्ठ हिंदी शिक्षक ने इस अवसर पर बताया कि विद्यालय में संचालित विभिन्न गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को मुख्य अतिथि द्वारा पुरस्कृत किया गया। इनमें उत्तम पाठक, चित्रकार, पाठ्य सहगामी गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी, संगीत एवं नृत्य, शत प्रतिशन उपस्थिति, कब-बुलबुल, स्काउट-गाइड प्रमुख हैं।सांस्कृतिक कार्यक्रमों का संचालन प्राथमिक शिक्षक राजेश प्रजापति ने किया। साथ ही शिक्षा के ऊपर अपनी कविता की प्रस्तुति दी। इस अवसर पर विद्यालय के समस्त शिक्षक, शिक्षिका, कर्मचारी व बच्चे उपस्थित रहे। अपने संबोधन से पहले प्राचार्य ने उपस्थित जन को शिक्षादीप से प्रकाशित होकर राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित होकर कार्य करने का संकल्प दिलाया। कार्यक्रम के अंत में आभार जीव विज्ञान के वरिष्ठ शिक्षक सुरेन्द्र कुमार चतुर्वेदी ने व्यक्त किया।