लाइव कॉन्सर्ट के लिए इंदौर पहुंचे दिलजीत दोसांझ:5 हजार का टिकट 50 हजार में बिकने के लग रहे हैं आरोप

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इंदौर में 8 दिसंबर को मशहूर पंजाबी गायक दिलजीत दोसांझ का लाइव कनसर्ट होने वाला है। इस कनसर्ट के लिए दिलजीत एक दिन पहले यानी आज इंदौर पहुंच गए है। वह इंदौर एयरपोर्ट पर सीधे होटल के लिए रवाना हुए। वहीं इंदौर एयरपोर्ट पर दिलजीत का इंतजार कर रहे फैंस को दिलजित ने हाथ हिलाकर अभिवादन किया। बता दें कि इंदौर में कल होने वाले दिलजित के कनसर्ट को लेकर टीकट कालाबाजारी और शराब पार्टी के आरोप लग रहे है। इस मामले को लेकर इंदौर के विधायक मेंदोला ने भी कलेक्टर से मुलाकात की थी। इंदौर में 8 दिसंबर को मशहूर पंजाबी गायक दिलजीत दोसांझ का लाइव कनसर्ट होने वाला है। इस कार्यक्रम के टिकट की कालाबाजारी करने के आरोप लग रहे हैं। इंदौर-2 से बीजेपी विधायक रमेश मेंदोला ने टिकट की कालाबाजारी का विरोध करते हुए सिख समाज को उचित राशि पर टिकट उपलब्ध कराने के लिए दो दिन पहले कलेक्टर आशीष सिंह को ज्ञापन सौंपा था। वहीं इंदौर में दिलजित के शो को लेकर आज डीसीपी अभिनव विश्वकर्मा ने बताया कि दोसांझ के शो में 25 हजार दर्शक आने की संभावना है जिसको लेकर पुलिस कमिश्नर ने आज बैठक ली थी। इस बैठक में आमजन के साथ ही महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को लेकर निर्देश दिए गए है। बता दें कि दिलजीत दोसांझ भारत में ‘दिल-लुमिनाती टूर’ कर रहे हैं। इसी का एक शो इंदौर में हो रहा है। सिख समाज बोला- टिकट की कालाबाजारी से ठेस पहुंची दिलजीत दोसांझ के लाइव कनसर्ट को लेकर सिख समाज में काफी उत्साह है। कुछ दिन पहले इस कार्यक्रम के टिकट कि ऑनलाइन बिक्री शुरू की गई और कुछ ही मिनटों में बिक्री बंद भी हो गई। अब टिकट की मोटी कालाबाजारी का मामला सामने आया है। दूसरे शहरों से लोग इंदौर आकर होटलों में आकर रुके हैं और ऊंचे दामों पर सौदेबाजी कर रहे हैं। सिख समाज ने कलेक्टर को दिए ज्ञापन में लिखा है कि आपसे निवेदन है कि इंदौर का सिख समाज भी इस कार्यक्रम का साक्षी बनना चाहता है। आयोजकों की ओर से तय दाम पर ही टिकट खरीदना चाहता है। लेकिन, काला बाजारियों ने सिख समाज के उत्साह को ठेस पहुंचाई है। मेंदोला बोले- 5 हजार का टिकट 50-50 हजार में बिक रहा विधायक रमेश मेंदोला ने कहा कि मैं सिख समाज के साथ कलेक्टर से मिलने आया हूं। यहां पर कनसर्ट का आयोजन स्थल बहुत छोटा है। वहां की सड़क काफी संकरी है, जिसके कारण ट्रैफिक जाम के हालात बनने से हमारा पूरा क्षेत्र प्रभावित होगा। इस आयोजन के टिकट की काला बाजारी हो रही है। 5 हजार के टिकट 50-50 हजार रुपए में बिक रहा है। कार्यक्रम में शराब परोसने की परमिशन भी दी गई है। कलेक्टर से निवेदन किया है कि शराब की परमिशन न दी जाए। वहीं, लोगों को 5 हजार का टिकट 5 हजार में ही मिले, ऐसी व्यवस्था प्रशासन करे। इसके लिए हमने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। कालाबाजारी को लेकर लॉ स्टूडेंट ने भेजा था नोटिस दिलजीत दोसांझ देश भर के 10 बड़े शहरों में कनसर्ट कर रहे हैं। इस कनसर्ट का सबसे बड़ा शो दिल्ली में हुआ था। लेकिन टिकट के रेट को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। बता दें कि दिलजीत का ये शो कुछ घंटों में ही फुल हो गया था। ऐसे में एकदम से आए टिकट के रेट में उछाल को लेकर दिलजीत की फैन और लॉ स्टूडेंट रिद्धिमा कपूर ने उन्हें लीगल नोटिस भेज था। दिलजीत के अलावा ये नोटिस जोमैटो, एचडीएफसी बैंक और सारेगामा प्राइवेट लिमिटेड को भी भेजा गया था। नोटिस में कहा गया था कि टूर से पहले टिकट की कीमतों में हेराफेरी की गई है, जो अनुचित है। टिकट बुक कराने के नाम पर युवक से 90 हजार ठगे 8 दिसंबर को होने वाले शो के नाम पर 1 महीने पहले ठगी का मामला भी सामने आया था। एक बदमाश ने सोशल मीडिया पर टिकट बेचने की स्टोरी डालकर एक युवक को झांसे में लिया और 9 टिकट के बदले 90 हजार रुपए ठगे थे। युवक ने अपने और दोस्तों के लिए 9 टिकट लेने के 90 हजार 800 रुपए क्यूआर कोड स्कैनर के जरिए ट्रांसफर किए थे। फरियादी ने आरोपी का सोशल मीडिया अकाउंट देखा जो अब एक्टिव नहीं है। आरोपी के मोबाइल नंबर पर संपर्क किया तो कॉल डिसकनेक्ट होने लगा। बाद में मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया। तब पुलिस में शिकायत की गई थी। दिलजीत से जुड़े विवाद- 1. किसान आंदोलन के समर्थन पर विवाद दिलजीत दोसांझ ने 2020-21 में हुए किसान आंदोलन के दौरान खुलकर किसानों का समर्थन किया था। उन्होंने आंदोलन में हिस्सा भी लिया और सोशल मीडिया पर लगातार किसानों के पक्ष में पोस्ट किए। इसके चलते उन्हें ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा और कुछ लोगों ने उन्हें “देश-विरोधी” भी कहा। इस विवाद के दौरान दिलजीत का कंगना रनोट के साथ ट्विटर पर तीखा टकराव भी हुआ था, जहां दोनों ने एक-दूसरे पर तीखे आरोप लगाए थे। 2. खालिस्तान समर्थक होने के आरोप दिलजीत पर अक्सर खालिस्तानी समर्थक होने का आरोप भी लगता रहा है, हालांकि उन्होंने इस बारे में कभी खुलकर कुछ नहीं कहा। कुछ लोगों का मानना है कि उनके द्वारा किसानों और पंजाब की संस्कृति के समर्थन को खालिस्तान से जोड़कर देखा जा रहा है। दिलजीत ने इस तरह के आरोपों पर जवाब दिया है कि वे अपने देश के प्रति वफादार हैं और ऐसे आरोप केवल उनके काम को बदनाम करने के लिए लगाए जाते हैं। 3. कनाडाई पंजाबी समुदाय से जुड़ाव दिलजीत का कनाडाई पंजाबी समुदाय में काफी लोकप्रिय होना भी विवाद का कारण बनता रहा है। कुछ लोग उन्हें कनाडा में बसे खालिस्तानी विचारधारा वाले समूहों से जोड़कर देखते हैं, हालांकि दिलजीत ने अपने बयानों में स्पष्ट किया है कि वे पंजाबी संस्कृति और विरासत को बढ़ावा देने के लिए काम करते हैं और इसका किसी भी विवादित विचारधारा से कोई लेना-देना नहीं है। 4. केंद्र सरकार की आलोचना पर विवाद किसान आंदोलन के दौरान दिलजीत ने अप्रत्यक्ष रूप से केंद्र सरकार की आलोचना की थी, जो राजनीतिक विवाद का कारण बनी। उनके इस कदम को कुछ लोगों ने “सरकार विरोधी” माना, जबकि दिलजीत ने इसे किसानों के समर्थन में उठाया कदम बताया।