श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में बुधवार को अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस मनाया गया। इस दौरान बड़े बाड़े में कैद 24 चीतों में से 2 नर चीतों अग्नि और वायु को कूनो प्रबंधन के अधिकारियों ने खुले जंगल में छोड़ा। इससे अब पर्यटकों के लिए भी चीतों का दीदार करने की उम्मीद जागी है। कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ आर थिरुकुराल ने बुधवार शाम प्रेस नोट जारी कर इसकी सूचना दी। उन्होंने बताया कि सभी चीते पूरी तरह से स्वस्थ हैं। खुले जंगल में छोड़े जाने के बाद अब ये चीते रफ्तार में भाग सकेंगे, अपने पसंद के जानवर का शिकार कर अपना पेट भर सकेंगे। बता दें कि कूनो नेशनल पार्क के बाड़े में 12 वयस्क और 12 शावक यानी कुल 24 चीते थे, जिनमें से दो को खुले जंगल में रिलीज कर दिया गया है। अब बाड़े में कुल 22 चीते हैं। इन्हें भी कूनो प्रबंधन के अधिकारी क्रमबद्ध तरीके से रिलीज करेंगे। गौरतलब है कि चीतों को खुले जंगल में छोड़ने का फैसला स्टीयरिंग कमेटी करती है। कूनो में अब तक 12 शावकों का जन्म कूनो नेशनल पार्क में अब तक जन्मे 12 भारतीय चीता शावक अगले डेढ़ से दो साल में पूरी तरह वयस्क हो जाएंगे। कूनो में जन्म लेने वाली सबसे पहली मादा चीता शावक अब 20 माह की हो चुकी है। इसी साल जनवरी में आशा और ज्वाला ने 7 शावकों को जन्म दिया था। वे अगले माह एक साल के हो जाएंगे। 17 माह में शावक मां से अलग हो जाते हैं 17 माह में चीतों के शावक अपनी मां से अलग हो जाते हैं और तीन साल में पूरी तरह युवा हो जाते हैं। वहीं नामीबियाई और दक्षिण अफ्रीकी 12 चीते भी अब कूनो की आबोहवा में रच बस गए हैं। वर्ष 2023 की तुलना में चीतों के लिए साल 2024 काफी बेहतर साबित हुआ है। 2023 में जहां 7 वयस्क चीतों और 3 शावकों की मौत हुई थी। वहीं 2024 में 11 चीता शावकों का जन्म हुआ है, जबकि सिर्फ 2 वयस्क चीतों और 4 शावकों की ही मौत हुई। चीता एक्शन प्लान के मुताबिक कूनो नेशनल पार्क में 20 चीतों के रहने लायक जगह है। अभी यहां 24 चीते रह रहे हैं।