सिवनी में इन दिनों जिला मुख्यालय सहित 8 विकासखंडों के अस्पतालों में सर्दी, खांसी, बुखार सहित हाथ पैरों में जकड़न की समस्या लेकर मरीज पहुंच रहे हैं। वहीं ठंड का असर बढ़ते ही दिल का दर्द भी बढ़ने लगा है। हर दिन 50 मरीजों का हो रहा ECG दिल के मरीजों के साथ सामान्य लोगाें को भी इन दिनों हार्ट में दर्द की शिकायत बढ़ने से जिला अस्पताल में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ रही है। हर दिन 50 से अधिक मरीज सीने में दर्द होने की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। इससे ECG जांच बढ़ गई है। राहत की बात ये है कि ECG जांच में 70 प्रतिशत मरीजों में कोई गड़बड़ी नहीं मिल रही है। फिर भी डॉक्टर मरीजों को ठंड से बचने की सलाह दे रहे हैं। नही बढ़ पाई स्वास्थ्य सुविधाएं जिले में हार्ट के मरीजों की संख्या बढ़ रही है लेकिन स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं बढ़ पाई हैं। जिला अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार हर साल औसतन 50 से 60 लोगों की मौत हार्ट अटैक से हो रही है। इसके बाद भी हार्ट के मरीजों को सरकारी अस्पतालों में बेहतर उपचार नहीं मिल पा रहा है। संसाधन की कमी अब भी बनी हुई है। वर्तमान में हार्ट के मरीजों के लिए के लिए केवल जिला अस्पताल में आईसीयू ही बना है। इसमें भी बेड की संख्या कम है। इधर जिले में चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिविल अस्पताल हैं लेकिन यहां भी संसाधनों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। सभी अस्पतालों में मात्र ECG और BP के लिए मशीनें दी गई हैं। सरकारी अस्पताल में एंजियोग्राफी की नहीं है सुविधा मरीज की समस्या बढ़ने पर या तो उन्हें रेफर कर दिया जाता है या फिर दवा देकर सलाह दी जाती है। सरकारी अस्पतालों की स्थिति यह है कि एंजियोग्राफी तक की भी सुविधा नहीं है। इसके अलावा एंजियोप्लास्टी भी नहीं होती है। यह सुविधा जिला अस्पताल में भी उपलब्ध नहीं है। अस्पताल में केवल हड्डी और अन्य रोगों के लिए ऑपरेशन थिएटर ही बना है। मेडिकल कार्डियोलॉजिस्ट भी अपनी निजी क्लिनिक में हार्ट के मरीजों की जांच तो कर रहे हैं लेकिन आपरेशन केवल दूसरे बड़े शहरों में ही हो पा रहा है। कई कारणों से हो रहा हार्ट पेन
डॉक्टर के अनुसार हार्ट अटैक या हार्ट से संबंधित बीमारी लाइफ स्टाइल में बदलाव के कारण बढ़ रही है। एक जगह पर अधिक समय पर बैठकर काम करना, फैट और ज्यादा तेल, मसाले वाले भोजन का उपयोग, कसरत नहीं करना और बिना डॉक्टर की सलाह के दवा का सेवन करने सहित अन्य कारणों से दिल के मरीज बढ़ रहे हैं। दिल का दौरा पड़ने के लक्षण जिला अस्पताल के डॉक्टर पुरूषोत्तम सूर्या ने बताया कि दिल का दौरा आने के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकता है। एक दिल के दौरे से दूसरे दिल के दौरे में अलग-अलग लक्षण हो सकते हैं। डॉक्टर के अनुसार ज्यादातर छाती, बांह या ब्रेस्टबोन के नीचे असहजता, दबाव, भारीपन, जकड़न, दबाव या दर्द होना दिल का दौरा पड़ने के संकेत है। इसी तरह पेट भरा लगना, अपच या घुटन जैसा महसूस होना, यह सीने में जलन जैसा महसूस होना, पसीना आना, पेट खराब होना, उल्टी या चक्कर आना, कमजोरी लगना, चिंता, थकान या सांस लेने में तकलीफ होना, तेज या असमान दिल की धड़कन होना भी दिल का दौरा आने के लक्षण हैं। इन लक्षणों के महसूस होने पर शीघ्र ही विशेषज्ञ डॉक्टर से जांच करानी चाहिए। ठंड में दिल का रखें इस तरह ध्यान
डॉक्टर सूर्या ने आगे कहा कि सर्दियों में धूम्रपान और शराब का सेवन दिल के मरीजों के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। सर्दी में शरीर की रक्त वाहिनियां पहले से ही संकुचित होती हैं और धूम्रपान से यह स्थिति और बिगड़ सकती है। इसके अलावा शराब का अधिक सेवन ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है जिससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ने लगता है। उन्हाेंने बताया है कि ठंड के मौसम में बाहर निकलने का समय सीमित रखें। बाहर जाते समय गर्म कपड़े पहने। साथ ही सिर और हाथों को ढकने के साथ गर्म मोजे और जूते पहनना चाहिए। कानों को भी अच्छे से ढंकना चाहिए। डॉक्टर सूर्या बोले कि गर्म कपड़े पहनने और फिर शारीरिक गतिविधि में सम्मिलित होने से ज्यादा गर्मी लग सकती है। ज्यादा गर्मी की वजह से रक्त वाहिकाएं अचानक फैल जाती हैं या चौड़ी हो जाती हैं जो हृदय रोग होने पर निम्न रक्तचाप का कारण बन सकती है।