एआईएमआईएम ने सीजेआई के नाम संयुक्त कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा:कहा- देश में प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 का पालन हो

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एआईएमआईएम की ओर से मंगलवार को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के नाम संबोधित एक ज्ञापन संयुक्त कलेक्टर अशोक कुमार जाधव को सौंपा गया, जिसमें कहा गया कि देश में प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 का पालन कराया जाए। एआईएमआईएम जिलाध्यक्ष व अधिवक्ता जहीर उद्दीन ने कहा- संसद में उपासना स्थल अधिनियम 1991 पारित किया गया, जिसके तहत 1947 की स्थिति के अनुसार किसी भी संरचना की धार्मिक चरित्र को चुनौती नहीं दी जा सकती। किसी भी न्यायालय में प्रकरण नहीं चलाया जा सकता, लेकिन इसके बाद भी देश विभिन्न न्यायालय देश के किसी भी व्यक्ति द्वारा अर्जी देने पर तुरंत सुनवाई कर प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 में दिए गए स्पष्ट प्रावधान के बाद भी मस्जिद, दरगाहों के सर्वे के आदेश दिए जा रहे हैं, जिससे सांप्रदायिक घटनाएं हो रही हैं। अगर इस पर रोक नहीं लगाई गई तो देश में भाईचारा, सद्भावना को क्षति होगी। नफीस मंशा खान ने कहा- संभल की मस्जिद के मामले में वहां के प्रशासन ने मनमानी की। इसके बाद अजमेर दरगाह के सर्वे की मांग उठी। ऐसी स्थिति उचित नहीं है। इससे सांप्रदायिक सद्भाव पर असर पड़ेगा। इसकी आड़ में देश का माहौल खराब करने का प्रयास करने वाले वाले लोगों पर सख्ती से कार्रवाई होना चाहिए। संभल की घटना और अजमेर दरगाह के सर्वे को लेकर ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान काफी संख्या में एआईएमआईएम सदस्य, पदाधिकारी मौजूद थे।