इंदौर में नवम्बर के आखिरी दिन दिनभर 22 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवा के कारण दिनभर कंपकपी रही। रात का पारा 1 डिग्री लुढक गया जिससे सिरहन बनी रही। रविवार सुबह हल्का कोहरा रहा जो कुछ समय बाद भी साफ हो गया, लेकिन धूप निकलने के बाद भी ठण्ड का असर बना हुआ है। आज से दिसम्बर माह शुरू हो गया है। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस माह कडाके की ठण्ड के आसार हैं। शनिवार को दिनभर ठंडी हवा से कोल्ड डे जैसा अहसास हुआ। दिन का तापमान 24.9 (-5) डिग्री दर्ज हुआ, वहीं रात का तापमान 12 (-1) डिग्री रहा। आने वाले दिनों में ठंडक और बढ़ने की उम्मीद है। वैसे इंदौर में 15 अक्टूबर के बाद से ठंड असर दिखाने लगती है, लेकिन उत्तर के पहाड़ों पर बर्फबारी पूरे अक्टूबर में नहीं हुई। नवंबर के पहले सप्ताह में बर्फ गिरना शुरू हुई। नतीजा यह हुआ कि अक्टूबर में भी गर्मी के दिनों जैसा एहसास रहा। दिन का पारा 35 डिग्री तक गया जो पिछले 15 सालों में कभी इस स्तर पर नहीं गया था। अभी ठंड के सीजन के 62 दिन बीत गए हैं। इस अवधि में न्यूनतम तापमान का निचला स्तर 22 नवम्बर को 11.6 डिग्री सेल्सियस ही रहा है। यह केवल एक ही बार रिकॉर्ड हुआ है, जबकि इस स्तर पर पिछले सालों में कई बार 11 डिग्री तक पारा रात को जा चुका है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक मध्य प्रदेश में 20 दिसंबर से कड़ाके की ठंड का दौर आएगा, जो जनवरी तक बना रहेगा। इन्हीं 40 दिन में 20 से 22 दिन कोल्ड वेव यानी सर्द हवाओं की भी स्थिति रह सकती है। सबसे ज्यादा सर्दी उज्जैन, ग्वालियर-चंबल संभाग में रहेगी। वजह यहां बर्फीली हवाओं का सीधे आना है। दूसरे पखवाड़े में ही मावठा यानी बारिश भी हो सकती है। सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह के मुताबिक दिसंबर में उत्तर भारत से सर्द हवाएं ज्यादा आती हैं। मौसम विभाग के अनुसार, जिस तरह मानसून के चार महीने (जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर) में से दो महीने जुलाई-अगस्त महत्वपूर्ण रहते हैं और इन्हीं में 60 प्रतिशत या इससे अधिक बारिश हो जाती है। उसी तरह दिसंबर और जनवरी में कड़ाके की ठंड पड़ती है। इन्हीं दो महीने में प्रदेश में उत्तर भारत से सर्द हवाएं ज्यादा आती हैं इसलिए टेम्परेचर में अच्छी-खासी गिरावट आती है। सर्द हवाएं भी चलती हैं। इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर समेत प्रदेश के अन्य शहरों में दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में ही कड़ाके की ठंड पड़ना शुरू होती है। ला नीना की वजह से दिसंबर में ठंड ज्यादा होने का अनुमान डॉ. सिंह ने बताया कि दिसंबर की शुरुआत से ला नीना की स्थिति बनना शुरू हो जाएगी। इससे ग्वालियर-चंबल और बुंदेलखंड में ठंड जोर पकड़ेगी। रात के साथ दिन के टेम्प्रेचर में भी गिरावट होगी। इंदौर में इसका अभी ज्यादा असर नहीं रहेगा। मौसम का ट्रेंड देखें तो दिसंबर में स्ट्रॉन्ग वेस्टर्न डिस्टरबेंस आते हैं। वहीं, उत्तरी हवाएं आने से दिन-रात के तापमान में गिरावट होती है। इस बार भी यही अनुमान है। 20-22 दिन चल सकती है कोल्ड वेव इस बार दिसंबर के आखिरी सप्ताह में प्रदेश के कई शहरों में कोल्ड वेव यानी सर्द हवाएं चलेंगी। जनवरी में यह 20 से 22 दिन तक चल सकती है। पिछले 3 से 4 साल की बात करें तो दिसंबर-जनवरी में ज्यादा ठंड पड़ी है। अनुमान के मुताबिक इस बार पिछले साल से ज्यादा ठंड पड़ेगी।